भारत को पूरे विश्व में एक कृषि प्रधान देश माना जाता है. आपको बता दें कि भारत को कृषि प्रधान देश कहा जाने के पीछे का सबसे बड़ा कारण यह है कि, भारत की अर्थव्यवस्था काफी हद तक कृषि पर निर्भर होती है. लेकिन इसके बावजूद हमारे देश भारत में किसानों की हालत कुछ खास नहीं है. यही कारण है कि, कई किसान खेती का काम छोड़कर दूसरे काम कर रहे हैं. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे व्यक्ति के बारे में बताएंगे, जिन्होंने अपनी नौकरी को छोड़कर किसान बनने का फैसला किया.
ऐसा कई बार देखा जा चुका है कि किसान ने खेती का काम छोड़ कर नौकरी करने का फैसला किया हो. लेकिन आज हम आपको जिस व्यक्ति के बारे में बताने वाले हैं, उन्होंने अपनी अच्छी खासी नौकरी छोड़कर किसान बनने का फैसला किया. गुजरात के राजकोट शहर के रहने वाले नकुम ने अपनी नौकरी छोड़कर किसान बनने का फैसला किया. वह हाइड्रोपोनिक तरीके से खेती करते हैं. आपको बता दें कि यह एक प्रकार की ऐसी खेती होती है, जिसमें मिट्टी की आवश्यकता नहीं पड़ती है.
अपने किसान बनने के सफर के बारे में बात करते हुए नकुम कहते हैं कि, “एक बार मैंने टीवी पर न्यूज़ देखी कि कैसे केमिकल वाला खाना कैंसर का कारण भी बन सकता है. तब से मैंने सोच लिया था कि मुझे वापस से खेती से ही जुड़ना है.”
हाइड्रोपोनिक खेती के बारे में नकुम बताते हैं कि, “जब मैं कृषि यूनिवर्सिटी गया था, तो वहां के वैज्ञानिकों ने मुझे हाइड्रोपोनिक के बारे में सिखाने से मना कर दिया और मुझे मेरी नौकरी पर ही ध्यान देने को कहा. उस समय यूनिवर्सिटी में किसी के पास इसका कोई प्रैक्टिकल ज्ञान भी नहीं था. लेकिन मैंने इसे सीखने का मन बना लिया था”.
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