आज पूरी दुनिया टेक्नोलॉजी के ऊपर काम कर रही है. यही कारण है कि आज वर्तमान में काफी तेजी से हर देश विकास कर रहा है. आज के 21वीं सदी में लगभग हर काम टेक्नोलॉजी के ऊपर निर्भर हो चुकी है. घर मकान बनाने के मामले में कुछ समय पहले तक हम सब यह जानते थे कि एक बार जिस हाल में मकान बन गया उसी हालत में हमेशा खड़ा रहेगा. उसे ऊपर या नीचे नहीं किया जा सकता है. लेकिन टेक्नोलॉजी की दुनिया में हर चीज संभव हो चुका है. राजस्थान के दौसा जिले में कुछ इस तरह का मामला दिखा है. जहां टेक्नोलॉजी की मदद से 5 मंजिला मकान को 4 फीट तक जमीन से ऊपर उठा दिया गया है.
जिले के जगदीश प्रसाद मौर्य ने अपना मकान 1998 में बनाया था. जिस समय पर अपना मकान बना रहे थे उस समय उन्होंने अपने घर की ऊंचाई रोड से 5 फीट ऊंचा रखा था, लेकिन गुजरते दिनों के साथ रोड का लेबल ऊपर बढ़ता चला गया. जब-जब रोड बनता उसका दायरा ऊपर जरूर उठता था. इस तरह धीरे-धीरे अब उनका मकान रोड के लेबल के बराबर हो गया. जिससे बरसात का पानी उनके घरों में घुसने लगा. इन परिस्थितियों को देखते हुए उन्होंने अपने घर को लिफ्ट कराने की सोची.
कोर्ट में सीनियर रीडर के पद से सेवानिवृत्त जगदीश प्रसाद को हाउस लिफ्टिंग के बारे में पहले से जानकारी प्राप्त थी. इसलिए उन्होंने हरियाणा में स्थित हाउस लिफ्टिंग कंपनी से बात करने का निर्णय लिया है. कंपनी से बात करके उन्होंने अपने घर में काम चालू करा दिया.
जगदीश प्रसाद मौर्या जी का घर 17 स्क्वायर फीट में बना हुआ है.घर को लिफ्ट कराने में अगर खर्च की बात करें तो इनके घर को 4 फीट ऊंचाई तक लिफ्ट कराने के लिए कुल ₹10 लाख खर्च आ रहे हैं. इस 10 लाख में मकान के नल फिटिंग का खर्च भी शामिल है. कंपनी की अगर बात करें तो कंपनी ₹200 प्रति स्क्वायर फीट चार्ज करती है. जगदीश प्रसाद का घर फिलहाल 2 फीट ऊंचा कर दिया गया है. पूरे काम को करने में लगभग 25 दिन का समय लग जाएगा.
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