हमारा देश भारत एक कृषि प्रधान देश है. आपको बता दें कि हमारे देश की 70 प्रतिशत से अधिक लोग कृषि पर आधारित है. लेकिन ऐसा माना जाता है कि हमारे देश में कृषि काफी पीछे चल रहा है. टेक्नोलॉजी के मामले में कृषि के क्षेत्र में कोई भी बड़ा बदलाव देखने को नहीं मिल रहा है. यही कारण है कि अब हमारे देश के किसान कृषि से हटकर कोई और काम करने लगे हैं. हालांकि हमारे देश की सरकार कृषि को लेकर कई तरह के निर्णय योजनाएं सामने लाती रहती हैं. यही नहीं बल्कि युवाओं को भी कृषि की पढ़ाई पढ़ाई जा रही है. ऐसे ही आज हम आपको एक ऐसी लड़की के बारे में बताएंगे, जो घरवालों से लड़कर किसान बनने का फैसला करती है और इसमें काफी अच्छा कर जाती है.
घर वालों के खिलाफ जाकर बनी किसान
आपको बता दें कि आजकल कोई भी माता-पिता अपने बच्चों को किसान नहीं बनाना चाहता है, क्योंकि हमारे देश में किसान की हालत काफी बुरी है. यही कारण है कि कोई भी माता-पिता यह नहीं चाहता कि उनके बच्चे किसान बने. लेकिन आज हम आपको एक ऐसी लड़की के बारे में बताने वाले हैं, जो अपने घर वालों से लड़कर किसान बन गई. यही नहीं बल्कि किसान बनने के बाद वह करोड़ों रुपये भी कमाने लगी.
आज हम आपको जिस लड़की के बारे में बताने वाले हैं, उसका नाम रोजा रेडी है. जो भारत के राज्य कर्नाटका से संबंध रखती हैं. कोरोनावायरस महामारी के समय रोजा की नौकरी चली गई. जिसके बाद उन्होंने किसान बनने का फैसला किया. लेकिन उनके किसान बनने पर उनके परिवार वालों को एतराज था. उनके परिवार वाले यह नहीं चाहते थे कि उनकी बेटी एक किसान बने. लेकिन अपने परिवार वालों के विरुद्ध जाकर रोजा रेड्डी ने 50 एकड़ के विशाल जमीन में सब्जी उगाने का फैसला किया. यही नहीं बल्कि वह इस काम में इतनी सफल हुई के करोड़ों रुपए कमाने लगी.
मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में रोजा कहती है कि, “मेरे परिवार को यक़ीन नहीं था कि मैं ऑर्गेनिक तरीक़े से ज़मीन को फिर से उपजाऊ बना सकती हूं, क्योंकि वे कई सालों से केवल केमिकल फर्टिलाइज़र का इस्तेमाल कर रहे थे. यही केमिकल हमारे खेत की उपज को कम करने का सबसे बड़ा कारण थे. बहुत मेहनत के बाद, मैंने उन्हें ग़लत साबित कर दिया”.
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