Fourth Wave of Corona In India: यूरोपीय देशों और चीन में एक बार फिर से कोरोना के केसेज तेजी से बढ़ने लगे है। कहा जा रहा है, ये कोरोना की चौथी लहर आने की आशंका का हैं। ओमीक्रोन के सबवेरिएंट को कोरोना के तेजी से बढ़ते केसेस की वजह बताया जा रहा है। दक्षिण कोरिया में कोरोना के मामलों में भारी बढ़ोतरी की वजह ओमीक्रोन के सब वेरिएंट BA2 को बताया जा रहा है। यूरोपीय देशों और ब्रिटेन में कोरोना के एक ही दिन में 6 लाख से अधिक मामले सामने आए हैं। हालांकि अभी भारत में कोरोना की चौथी लहर को लेकर भारतीय एक्सपर्ट अभी जरा भी चिंतित नहीं हैं।
कई एक्सपर्ट का मानना है, कि पिछले साल 2021 में आई कोरोना की तीसरी लहर के कारण लोगों की इम्युनिटी बढ़ी है। साथ ही सभी देशों और भारत में के कई राज्यों में वैक्सीनेशन की दर बहुत ज्यादा बड़ी है। हालांकि, स्वास्थ्य सेवाओं के पूर्व राज्य महानिदेशक और राज्य सरकार के तकनीकी सलाहकार डॉ. सुभाष सालुंखे के अनुसार हमे कोरोना को लेकर अपनी तैयारी को कम नहीं कर चाहिए, क्योंकि दुनिया के अन्य देशों की तरह हमारे भारत में चौथी लहर आ सकती है। डॉ सालुंखे ने कहा, कि चौथी लहर को लेकर केवल एक ही बात पता नहीं है, कि यह लहर वास्तव में कब तक आएगी और यह कितनी गंभीर होगी।
ओमीक्रोन के 50 से अधिक म्यूटेशन
अब तक कोरोना वायरस के वेरिएंट ओमीक्रोन के 50 से ज्यादा म्यूटेशन हो चुके हैं। ओमिक्रोन वेरिएंट ने 2021 में उस समय दुनिया भर में खलबली मचा दी थी जब पहली बार दक्षिण अफ्रीका में इसका पहली बार पता चला था। कोरोना का यह वेरिएंट बहुत ही ज्यादा संक्रामक था जिसकी वजह से हजारों लोगों ने अपने जान गवां दी थीं। इस वेरिएंट के शिकार लोगो को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा कई हजार लोगो की जान गई थी। एक्सपर्ट का कहना है कि वैक्सीनेशन बन जाने के कारण और समाय पर लोगों मिलने की वजह से स्थिति में काफी सुधार हुआ।
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इजरायल में मिला वेरिएंट अभी VoC नहीं
डॉ. शशांक जोशी जो, कि महाराष्ट्र सरकार के कोविड टास्क फोर्स के सदस्य है, का कहना है कि देश मे तीसरी लहर के दौरान शुरुआत में ही ओमीक्रोन केबीए 1 और बीए 2 दोनों वेरिएंट सामने आए थे। डॉ जोशी ने यह भी बताया है, कि भारत में कोविड की नई लहर का फिलहाल कोई खतरा नहीं है। इजरायल में मिले नए वेरिएंट के बारे में डॉ. जोशी का कहना है, कि इस वेरिएंट को अभी ऑफ कन्सर्न (VoC) घोषित नहीं किया गया है। इसलिए उन्होंने कहा है कि जब तक एक नया वीओसी सामने नहीं आता, तब तक इससे डरने की कोई बात नहीं है। हालांकि हम लोगों को अभी मास्क पहनना बंद नहीं करना चाहिए। साइंटिस्टों का मानना है, कि लोगों की बॉडी में एंटीबॉडी कम होने पर SARSCoV-2 वायरस लोगों को फिर से संक्रमित कर सकता है।