Sudhanshu Kumar : देश की ज्यादातर आबादी आजादी के 75 साल बाद भी परंपरागत खेती के व्यवसाय पर ही टिकी हुई है. लेकिन इसके बावजूद भी इन 75 सालों में खेती में जितने बदलाव किए जाने चाहिए थे. उतने सकारात्मक बदलाव शायद नहीं किए गए हैं. यही कारण है वर्तमान समय में किसानों की स्थिति कैसी है. यह बताने की जरूरत नहीं है. भले ही किसान अपनी मेहनत के दम पर देश की अर्थव्यवस्था में अच्छा खासा योगदान देते हैं लेकिन किसानों के लिए कोई भी ऐसी योजना का कोई भी ऐसी तकनीक अभी भी धरातल पर मौजूद नहीं दिखाई देती है. जिससे किसान उन्नत किस्म से खेती कर सके और अपनी आय को बढ़ा सकें, वेल आज के इस पोस्ट में हम आपको एक ऐसे लड़के की कहानी बताने वाले हैं. जिसके पिता तो उसे आईएएस बनाना चाहते थे लेकिन वह अब किसान बन कर सालाना 80 लाख रुपये की कमाई कर रहा है.
कहानी सुधांशु कुमार की
बिहार के समस्तीपुर जिले के एक छोटे से गांव से ताल्लुक रखने वाले सुधांशु कुमार वही किसान हैं. जिन्हें उनके पिता आईएएस के पद पर देखना चाहते थे लेकिन उन्होंने वह सपना तो पूरा नहीं किया लेकिन दूसरे काम को करके घर वालों का नाम जरूर ऊंचा कर दिया. हाल फिलहाल में सुधांशु कुमार खेती के दम पर ही 80 लाख सालाना कमाते हैं. यह अपनी 70 बीघा जमीन में टेक्नोलॉजी के जरिए उन्नत किस्म की खेती करते हैं. जब सुधांशु कुमार ने इस काम की शुरुआत की थी. उस समय उनके पिताजी इस फैसले से काफी नाराज हुए थे और उन्हें नाराजगी जताते हुए 5 एकड़ बंजर जमीन दे दी थी. इसमें कुछ भी नहीं उपज पाता था लेकिन सुधांशु ने वैज्ञानिक टेक्नोलॉजी के आधार पर उस जमीन को कुछ ही समय में उपजाऊ मिट्टी बना दिया और उससे वर्तमान समय में अच्छी खासी फसल मिलती है.
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32 वर्ष से कर रहे हैं उन्नत खेती
साल 1990 सुधांशु कुमार के लिए ऐसा साल था. जिस साल इन्हें अपने फ्यूचर को देखते हुए फैसला लेना था और उन्होंने आईएएस बनने की बजाय खुद को एक टेक्नोलॉजी से परिपूर्ण किसान बनाना उचित समझा. बता दें, सुधांशु कुमार साल 1990 से खेती कर रहे हैं. यह बताते हैं कि उन्होंने अपने 60 एकड़ खेत में अमरूद लीची जामुन आम केला ब्राजील की मशहूर मौसमी के पेड़ लगाए हैं. जिससे इनका सालाना व्यापार 80 लाख के करीब हो जाता है. सुधांशु कुमार खेती की सिंचाई करने के लिए विकसित तकनीक इरीगेशन का इस्तेमाल करते हैं. जाहिर है इस टेक्नोलॉजी के आधार पर लीची के पेड़ों का तापमान सामान्य रहता है और एक अच्छी पैदावार सामने आती है.
ऐसे करते हैं 80 लाख की सालाना कमाई
सुधांशु कुमार ने बातचीत के सिलसिले को जारी रखते हुए बताया कि उनकी कमाई का हिस्सा अलग-अलग फसलों से आता है. इनके मुताबिक छठ पूजा के आस पास उन्होंने आम से 15 से 20 लाख रुपए का बिजनेस जनरेट किया था. वही लीची की बात करें तो लीची से भी इन्हें छठ पूजा के आस पास 22 लाख रुपए की कमाई हुई, वही केला और अमरूद जैसे फलों से भी इन्होंने अच्छा खासा बिजनेस जनरेट किया है. इतना ही नहीं इसके अलावा सुधांशु कुमार ने एक पोल्ट्री फॉर्म भी बनाया है. जिसमें यह 500 चूजों के साथ एक नया व्यापार स्थापित कर चुके हैं.
“When I began using micro-#irrigation my main aim was to increase productivity. I not only did that but I ended up using 25% of my previous amount of water” Sudhanshu Kumar #farmer, #India @FAO Webinar “#Water #productivity improvements – A silver bullet for the #climate crisis?” pic.twitter.com/9hzpK1GxGI
— FAO Land and Water (@FAOLandWater) July 14, 2020
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