देश में बेरोजगारी की समस्या किस कदर पैर पसार चुकी है. हर कोई जानता है. जिस व्यक्ति को रोजगार नहीं मिलता. वह रोजगार के लिए ठोकरें खाता रहता है और जिसको रोजगार मिल जाता है. उसको इतने कम पैसे मिलते हैं. जिसमें वह अपना जीवन यापन नहीं कर पाता. यही वजह है आजकल हमें तमाम स्टार्ट अप्स की कहानियां सुनने को मिलती हैं. कोई एमबीए चायवाला बन जाता है तो कोई एमबीए गोलगप्पे वाला बन जाता है. इस आर्टिकल में हम आपको इन दोनों में से ही नहीं बल्कि एमबीए मछली वाला के बारे में बताने वाले हैं. जिसने एमबीए की पढ़ाई करने के बाद मछली पालन का काम अपने दोस्तों के साथ मिलकर शुरू किया था और आज अच्छे खासे मुकाम पर पहुंच गया है.
एमबीए के बाद शुरू किया मछ्ली पालन

निशांत कुमार ने एमबीए की डिग्री ली हुई है और साल 2018 में इन्होंने मछली पालन का काम शुरू किया था. इस समय इनके दो दोस्त भी इनके साथ थे. निशांत ने इंडोनेशिया में रहकर मछली पालन की बारीकियां सीखी. और भारत आकर इस काम को शुरू कर दिया. वर्तमान समय में यह मछली पालन के दम पर कई लोगों को रोजगार दे रहे हैं और मार्केट में रोजाना 74 बायो फ्लॉक और दूसरी पद्धतियों से 300 किलो मछलियां बेच देते हैं. निशांत ने बातचीत में बताया मछली पालन के लिए तालाब की कोई रिक्वायरमेंट नहीं होती है. हम आर्टिफिशियल टंकी में मछली पालन करते हैं. हमारे पास ऐसी कई टंकियां मौजूद हैं. जिनमें हम कई डिफरेंट डिफरेंट वैरायटी की मछलियां पाल रहे हैं.
11 लाख है महीने की कमाई

निशांत ने बातचीत में अपनी कमाई के बारे में जिक्र करते हुए बताया वह हर महीने 300 किलो मछली मार्केट में भेज देते हैं. जिसके दम पर वह 11 लाख रुपए का प्रॉफिट हर महीने में कमा लेते हैं. मछली की कीमत वजन के हिसाब से निर्धारित की जाती है. ज्यादातर हमारे पास 200 से 300 ग्राम की मछलियां होती हैं. जिनका हमने एक रेट पर किया हुआ हैं. साथ ही इनकी फ्यूचर प्लानिंग के बारे में बात करें तो यह गुजरात में एक बड़ा फिश प्लांट लगाना चाहते हैं.
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