सिविल सर्विस के परीक्षा को पास करने का सपना हमारे देश भारत के कई छात्र देखते हैं. कई छात्र अपने इस सपने को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत भी करते हैं. लेकिन अंत में कामयाबी बहुत कम छात्रों को ही मिल पाती है. यही कारण है कि यूपीएससी जैसे सिविल सर्विस परीक्षा को भारत का सबसे कठिन परीक्षा माना जाता है. यही नहीं बल्कि भारत के लोगों का मानना है कि, जो व्यक्ति यूपीएससी की परीक्षा पास कर लेता है, वह अपने आप में एक बड़ी शोहरत हासिल कर लेता है. लेकिन यूपीएससी की परीक्षा को पास करना हर किसी के बस की बात नहीं है. इसके लिए काफी लंबे समय तक लगन और कड़ी मेहनत की जरूरत होती है. यही नहीं बल्कि यूपीएससी परीक्षा को पास करने के लिए कई तरह के कुर्बानी भी देनी पड़ती है.
UPSC के लिए छोड़ दी इंजीनियरिंग की नौकरी
यूपीएससी की परीक्षा में सफल होने के लिए छात्र कई तरह के कुर्बानी देते हैं. ऐसे में कुछ छात्र ऐसे होते हैं जो अपने परिवार से दूर रहकर परिवार की कुर्बानी देते हैं, तो वहीं कुछ लोग ऐसे होते हैं जो पैसों की कुर्बानी देते हैं. लेकिन इन सभी कुर्बानियों के बाद यूपीएससी जैसे कठिन परीक्षा को पास करने के लिए उसे छात्र के अंदर एक जुनून का होना बेहद जरूरी होता है. अगर किसी छात्र के अंदर यूपीएससी को पास करने का जूनून ना हो तो वह छात्र यूपीएससी की परीक्षा पास नहीं कर सकता. ऐसे ही आज हम आपको आईएस सरजना यादव के बारे में बताएंगे, जिन्होंने तीसरी प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा में 126वां रैंक लाकर अपने समाज का नाम रोशन किया.
सरजना यादव की कहानी के बारे में बात करें तो उन्होंने अपनी पढ़ाई इंजीनियरिंग में पूरी की. उन्होंने अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई दिल्ली से पूरी की. इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट होने के बाद उन्हें लाखों के नौकरी मिल गई. लेकिन इंजीनियरिंग की नौकरी करने के साथ-साथ वह यूपीएससी के परीक्षा को पास करना चाहते थे. इसके लिए उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी करते हुए यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी. लेकिन शुरुआत के 2 प्रयासों में ना कामयाबी उनके हाथ लगी. शुरुआत के 2 प्रयासों में ना कामयाबी के हाथ लगने के बाद वह समझ गई कि, एक साथ नौकरी और यूपीएससी की तैयारी नहीं की जा सकती.
आपको जानकर हैरानी होगी कि यूपीएससी की परीक्षा को पास करने के लिए सरजना यादव अपनी लाखों की इंजीनियरिंग की नौकरी को लात मार दी. नौकरी को उन्होंने साल 2018 में छोड़ दिया था. जिसके महेश 1 साल बाद यानी साल 2019 में उन्होंने अपने सपने को सच कर दिखाया और यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली. यही नहीं बल्कि वह यूपीएससी की परीक्षा में 126वां रैंक लाकर ना केवल अपने परिवार बल्कि अपने शहर का नाम रोशन किया.
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