कुछ दिन पहले केंद्र सरकार ने अग्निपथ योजना की शुरुआत की थी और इस योजना की शुरूआत करने के बाद से लोग लगातार इस योजना का विरोध करने लगे. इतना ही नहीं इस योजना का विरोध बिहार में सबसे ज्यादा हुआ. जी हाँ बिहार के युवा इस योजना के बारे में सुनते ही आक्रोश में आ गए और सरकारी संपत्तियों का नुकसान करने लगे और ऐसे में उन्होंने कई ट्रेन को जलाकर राख कर दिया और इस वजह से बिहार सरकार को काफी ज्यादा नुकसान हुआ है.
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उपद्रवियों की वजह से बिहार सरकार को अरबो रुपयों का नुकसान हुआ है. ऐसे में हाल ही में इन उपद्रवियों के खिलाफ एक्शन लेने के लिए और राजस्व को हुए नुकसान की भरपाई के लिए कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी लेकिन गौरतलब करने वाली बात यह है कि पटना हाई कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया है. मतलब बिहार में हुए उपद्रव में अरबों खरबों के नुकसान को लेकर उपद्रवियों से उसकी वसूली नहीं की जाएगी.
दरअसल, पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति एस कुमार की खंडपीठ द्वारा इस याचिका पर सुनवाई हुई थी और महाधिवक्ता ललित किशोर ने राजस्व को हुए अरबों के नुकसान को लेकर उपद्रवियों पर कानूनी कार्रवाई करने से लेकर उनसे वसूली तक के कई बेहतरीन बेहतरीन तर्क दिए थे हालांकि फिर भी पटना हाई कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया है.
आपको बता दें कि इस याचिका में उपद्रवियों को रोकने में नाकाम रहे सरकारी अफसरों के ऊपर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की भी बात की गई थी इतना ही नहीं इस याचिका में इस आंदोलन में भाग लेने वाले राजनीतिक पार्टियों से भी जुर्माने लेने की बात की गई थी. इस याचिका में कहा गया है कि इस खतरनाक विरोध में राजस्व को नुकसान तो हुआ ही है साथ ही साथ लोगों के भी जान को खतरा बढ़ गया था इस याचिका में यह भी दावा किया गया है कि दानापुर रेलमंडल को करीब 260 करोड रुपए का नुकसान हुआ है. हालांकि फिर भी पटना हाई कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया है ऐसे में राजस्व को हुए नुकसान को लेकर उपद्रवियों से वसूली नहीं की जाएगी.
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