भारत में किराने दुकान लगभग हर शहर के हर मोहल्ले में होती है. यही नहीं बल्कि एक मोहल्ले में कई किराने की दुकान होती है, जिसकी वजह से ऐसा माना जाता है कि, किराने दुकान के मालिक कुछ खास कमाई नहीं कर पाते हैं. लेकिन किराने का दुकान एक ऐसा दुकान होता है, जहाँ लोग हर दिन सामान खरीदने जाते हैं. यही कारण है कि हर मोहल्ले में कई किराने की दुकान होती है. जब किराने की दुकान के सामानों की बात आती है, तो ऐसे में सरसों का तेल का नाम जरूर आता है. सरसों का तेल एक ऐसा सामान है जिसका उपयोग लगभग हर दिन होता है.
जब सरसों की तेल की बात आती है तो पंसारी ग्रुप के सरसों का तेल का नाम जरूर आता है. आपको बता दें कि यह भारतीय मार्केट में एक ब्रांडेड सरसों का तेल माना जाता है. आज पंसारी ग्रुप भारत की सबसे लीडिंग कंपनी में शामिल है. लेकिन एक समय ऐसा था, जब पंसारी ग्रुप के मालिक ने इसकी शुरुआत एक किराने की दुकान से की थी. वर्तमान समय में पंसारी ग्रुप के मालिक शम्मी अग्रवाल है.
आपको बता दें कि पंसारी ग्रुप के मालिक सभी अग्रवाल के दादा ने इस ग्रुप की शुरुआत की थी. मालूम हो कि राजस्थान के एक छोटे से गांव में शमी अग्रवाल के दादा ने “पंसारी की दुकान” के नाम से इसकी शुरुआत की थी. इसकी शुरुआत साल 1940 में हुई थी. कुछ सालों के बाद उन्होंने सरसों का तेल एवं तेली का कारोबार कोलकाता में किया था. लेकिन कोलकाता में उन्हें काफी नुकसान हुआ था. जिसके बाद उन्होंने केवल सरसों का तेल का ही कारोबार किया.
मालूम हो कि शमी अग्रवाल के पिता ने इस बिजनेस को कोलकाता से दिल्ली ले आए और दिल्ली में उन्होंने इस बिजनेस को फैलाया. साल 2005 तक पंसारी ग्रुप के लगभग 7 जगह ब्रांच खुल गए थे. वर्तमान समय में इस ग्रुप के मालिक शम्मी अग्रवाल ने इसे साल 2010 में ज्वाइन किया था. जिसके बाद उन्होंने इस ग्रुप को और भी ज्यादा फैलाया और आज लगभग भारत के सभी हिस्सों में पंसारी ग्रुप का सरसों का तेल मिलता है.
आपको बताते चलें कि पंसारी ग्रुप को केवल मुनाफा ही नहीं हुआ है. कई बार उन्हें काफी नुकसान का सामना करना पड़ा है. लेकिन इसके बावजूद भी उन्होंने कभी हार नहीं मानी और फिर से एक नई शुरुआत करके अपने कारोबार को बनाया रखा. यही कारण है कि आज पंसारी ग्रुप पूरे भारत में मशहूर है.
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