यूपीएससी की डगर बहुत कठिन होती है. इस डगर पर लाखों छात्र चलते हैं लेकिन चंद लोगों को ही इस में सफलता हासिल होती है. कुछ ऐसे आईएएस अधिकारी भी होते हैं. जो कड़े संघर्ष करके इस मुकाम पर पहुंचते है. आज के इस पोस्ट में हम आपको आईएएस अंसार अहमद शेख के बारे में बताने वाले हैं. जिनके पिता रिक्शा चलाया करते थे तो माँ घर घर जाकर रोटी बनाने का काम करती थी और उन्होंने मेहनत की दम पर आईएएस बनने का सफर तय किया है. अहमद शेख ने बचपन में ही यूपीएससी पास करने का सपना देखा था और उन्होंने इस सपने को पूरा कर कर ही दम लिया है चलिए जानते हैं अहमद शेख के संघर्ष के बारे में.
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आर्थिक तंगी में हुआ जन्म
अहमद अंसार शेख का जन्म महाराष्ट्र के एक छोटे से गांव में हुआ था. इनके पिता ऑटो रिक्शा चालक थे तो वहीं इनकी मां घर घर जाकर रोटी बनाने का काम करती थी. उनकी आर्थिक स्थिति बेहद खराब थी. अंसार शेख की आर्थिक कंडीशन का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि ऑटो चलाने के पैसे से इनका गुजारा नहीं होता था और यही वजह रही कि इनकी मां ने भी घर घर जाकर मजदूरी करना शुरू कर दिया था. अंसार शेख खुद मिड डे मील का खाना खा कर गुजारा करते थे लेकिन अंसार शेख पढ़ने में हमेशा से ही होशियार थे और उन्होंने बड़े-बड़े सपने बचपन में ही संजो लिए थे. यहां तक कि अंसार के जीवन में एक वक्त आया था. जब इनके पिताजी इनसे पढ़ाई छूड़वाना चाहते थे लेकिन इनके टीचर के कहने पर बमुश्किल उनके पिताजी ने इन्हें आगे पढ़ने दिया.
यहां से मिली प्रेरणा
अंसार शेख की जीवन में आईएएस बनने की प्रेरणा जब मिली थी तब उनके एक टीचर ने MPSC की परीक्षा पास की थी की. इसी वजह से ये स्कूल में जी तोड पढ़ाई भी करते थे और होटल में वेटर का काम भी करते थे और पोछा लगाने का काम भी करते थे. यह बताते हैं कि वह टीचर ही इनके लिए प्रेरणा बने थे और उस दौरान ही उन्होंने तय कर लिया था कि वह आगे चलकर यूपीएससी परीक्षा को पास करेंगे.
साल 2015 में मिली सफलता
साल 2015 वह साल था. जब अहमद अंसार शेख को मेहनत का फल मिला था. उन्होंने साल 2015 में यूपीएससी की परीक्षा में 371 वीं रैंक हासिल की थी और सबसे कम उम्र के आईएएस बनने का रिकॉर्ड भी बनाया था. आईएएस अंसार अहमद शेख हजारों लोगों के लिए प्रेरणा है और यह अक्सर सोशल मीडिया की लाइम लाइट में भी आते रहते हैं.
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