Ayushman Card: आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत भारत के गरीब तथा पिछड़े वर्ग के परिवारों को 5 लाख रुपए तक निशुल्क इलाज और स्वास्थ्य बीमा की सुविधा प्रदान की जा रही है, आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने 14 अप्रैल 2018 को की थी।पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जन्मदिन के दिन 25 सितम्बर 2018 को यह योजना पूरे देश में लागू की गईं थी। अब किसी को भी अपना आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए अब वसुधा केंद्र और पंचायत कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने होंगे अब से आप घर बैठे ही ऑनलाइन अपना आयुष्मान कार्ड बनवा सकते है। जिसके लिए सरकार ने एक पोर्टल लांच किया है,इसी पोर्टल के जरिए आप अपना आयुष्मान कार्ड बनवा सकते है पहले अभी वसुधा केंद्र या पंचायत कार्यालय से आयुष्मान कार्ड बनवाने में तकरीबन एक महीना लग जाता था,लेकिन ऑनलाइन पोर्टल के जरिए बस केवल एक हफ्ते से दस दिन में आपका आयुष्मान कार्ड बन जाएगा।
एक अधिकारी ने बताया कि आयुष्मान कार्ड का लाभ लेने के लिए लाभार्थियों को कार्ड बनाने के लिए पोर्टल पर आवेदन करना होगा, अगर पहले से आवेदन किया हुआ है और कार्ड बन गया है तो कार्ड डाउनलोड भी हो सकेगा। सरकार ने खास तौर पर वृद्धजनों की सहूलियत के लिए आयुष्मान कार्ड बनवाना ऑनलाइन शुरू किए है। इस पोर्टल के जरिए आप उन लोगों के नाम भी देख सकते हैं, जिनके आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं। उन लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाए जाएंगे, जिनके पास प्रधानमंत्री का पत्र हो या जिनका राशन कार्ड में नाम हो।
बिहार में पांच करीब करोड़ 55 लाख 62 हजार 406 लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें अभी केवल 71 लाख 23 हजार 553 लोगों के ही कार्ड बन पाए हैं।
घर घर जाकर बनाए जा रहे है आयुष्मान कार्ड
अपने इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए जिले में लोगों के घर-घर जाकर भी आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे है। एक एजेंसी को ये काम सौंपा गया है। कई लोग जानकारी के अभाव में वसुधा केंद्र या पंचायत कार्यालय तक नहीं पहुंच पाते हैं और उन्हें ये लाभ प्राप्त नहीं हो पाता इसलिए अब डोर टू डोर कार्ड बनवाने का अभियान चलाया जा रहा है। यह अभियान नवंबर में शुरू हुआ था और बाहर से आए लोगों का भी इस योजना के तहत कार्ड भी बनाया जा रहा है। कार्ड पर कोरोना और एईएस का इलाज भी शुरू किया गया है
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आयुष्मान भारत के तहत सभी निजी अस्पताल और प्राइवेट लैब को डिजिटल प्लेटफार्म पर जोड़ा जाएगा जिसकी रूपरेखा तैयार की जा रही है।आयुष्मान भारत के तहत जिले के कई अस्पतालों को इलाज करने का लाइसेंस दिया गया है जिसकी वजह से निजी अस्पतालों में गरीबों और पिछड़े वर्ग के लोगों का इलाज मुफ्त और कम खर्च में हो रहा है उस इससे उनको काफी राहत भी मिली है।