29 मई 2022 को पंजाबी सिंगर और रैपर सिद्धू मूसेवाला वाला की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी. इस घटना के बाद पूरे पंजाब में हड़कंप मच गया था और लॉ एंड ऑर्डर पर भी सवाल उठने लगे थे. इसके बाद ही पुलिस ने इस मर्डर की छानबीन शुरू कर दी थी और उसके बाद से ही अब तक इसमें कई आरोपियों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है. वही हाल ही में दिल्ली पुलिस ने तीन और गैंगस्टर को सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में गिरफ्तार किया है और इन्होंने पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं.
9 बार की गई थी रेकी
बता दें, दिल्ली पुलिस ने तीन शूटरों को गुजरात के मुंद्रा से अरेस्ट किया है. जिसमें दो हरियाणा के रहने वाले हैं तो एक पंजाब से ताल्लुक रखता है. सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद से ही यह तीनों गैंगस्टर फरार चल रहे थे वहीं उन्होंने दिल्ली पुलिस को पूछताछ में बताया है कि हत्या से पहले 9 बार रेकी की गई थी. पूछताछ में यह भी पता चला है कि यह तीनों ही शूटर सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में अहम भूमिका में थे. बताया गया कि इनमें से दो शूटरों को गाड़ी पर बंदूक चलाने के लिए कहा गया था. जबकि एक को सिद्धू मूसेवाला कब घर से निकलते हैं इसके बारे में जानकारी देनी थी.
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2 गाड़ियों से किया गया था सिद्धू की थार का पीछा
बता दें, 29 मई की शाम जब मूसेवाला अपने दोस्तों के साथ थार गाड़ी लेकर निकले थे. तभी उनके पीछे दो गाड़ियां लग गई थी. जिनमें से एक बोलेरो थी और दूसरी कोरोला कार थी. बोलेरो में मुख्य शूटर जिसका नाम प्रियव्रत और अंकित सिरसा बैठे हुए थे. वही कोरोला गाड़ी में जगदीश रूपा और मनप्रीत बैठे हुए थे जिसे केशव चला रहा था. और जैसे ही यह दोनों गाड़ी मूसेवाला की थार के करीब पहुंची तो केशव नाम के व्यक्ति ने कोरोला गाड़ी को मूसेवाला की थार के आगे लगा दिया. इसके बाद उन पर AK 47 से गोलियां बरसाई गई, एक के बाद एक कई फायरिंग की गई जिसमें सिद्धू मूसेवाला की मौत हो गई, 29 मई को मूसे वाला की थार के ऊपर 6 शूटरों ने जबरदस्त फायरिंग की थी और उसके बाद यह शूटर वहां से भाग निकले थे.
गौरतलब है 29 मई की शाम सिद्धू मूसेवाला की हत्या की गई थी और इस घटना की जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई ग्रुप और गोल्डी बराड़ ने ली थी. जिन को काफी पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. वहीं यह पूछताछ में बता चुके हैं कि सिद्धू मूसेवाला की मौत की प्लानिंग कई महीने पहले रची गई थी. लेकिन आखिरकार 29 मई को मौका देखकर इस घटना को अंजाम दिया गया था. इस घटना के बाद पंजाब में हड़कंप मच गया था और हर कोई हैरान रह गया था. वहीं पंजाब सरकार पर भी कई सारे सवाल उठे थे.
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