झारखंड हमारे देश भारत का एक ऐसा राज्य है, जो अपने खनिज पदार्थों के लिए बेहद मशहूर है. झारखंड में जब खनिज पदार्थों का बात होता है, तो ऐसे में कोयले का नाम जरूर आता है. झारखंड के कई शहर ऐसे हैं, जो अपने कोल माइन के लिए बेहद मशहूर है. कोल माइनिंग शहरों में वैसे तो कोयला काफी अधिक पाया जाता है, जिससे उस शहर की आर्थिक स्थिति काफी अच्छी हो जाती है. लेकिन कोल माइनिंग की वजह से उसे शहर में किसी भी प्रकार का पेड़ पौधा नहीं उग पाता है.
आपको बता दें कि धनबाद झारखंड का एक ऐसा शहर है, जहां सबसे अधिक कोल माइनिंग पाई जाती है. लेकिन झारखंड की एक बात यह भी है कि कोल माइनिंग इलाके में वहां किसी भी प्रकार का पौधा लगाना बेहद मुश्किल हो जाता है. ऐसे में आज हम आपको एक लड़की के बारे में बताएंगे, जिन्होंने कोल माइनिंग इलाकों में भी सैकड़ों पौधे लगा दिए. हम जिस लड़की के बारे में बात कर रहे हैं उसका नाम नेहा है. वह धनबाद के कोल माइनिंग के सरकारी क्वार्टर में अपना जीवन व्यतीत करती हैं, लेकिन उस क्वार्टर में एक भी पौधा नहीं था.
जिसके बाद नेहा ने अलग-अलग तकनीकों का उपयोग करके कोल माइनिंग इलाके में भी फूलों के पौधे लगाने शुरू किए. इसके लिए उन्होंने कई किसानों से बात की और ऑनलाइन भी रिसर्च किया. आपको बता दें कि कोल माइनिंग इलाके में वहां का टेंपरेचर काफी अधिक होता है, इस वजह से पौधा लगाना काफी मुश्किल हो जाता है. लेकिन इन सबके बावजूद नेहा ने वहां हजारों पौधे लगाए.
मीडिया से बात करते हुए नेहा कहती है कि, “रांची में ज्यादा गर्मी नहीं पड़ती, इसलिए शहर का वातावरण बड़ा अच्छा रहता है, वहीं पौधे भी जल्दी नहीं मरते. लेकिन धनबाद में इतनी गर्मी है कि पौधों की खास देखभाल करनी पड़ती है और मुझे गार्डनिंग का इतना शौक था कि मुझे यहां पौधों के बिना अच्छा ही नहीं लगता था. फिर मेरी माँ ने मुझसे कहा- घर पर कुछ पौधे लगाओ, क्वार्टर में जगह तो काफी है”.
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