इस पोस्ट में हम आपको एक ऐसी जोड़ी के बारे में बताने वाले हैं. जिसने आज से कुछ समय पहले 50,000 लगाकर बिजनेस की शुरुआत की थी. आज उनका टर्न ओवर करोड़ों में पहुंच गया है. यह जोड़ी किसी और की नहीं बल्कि मुंबई की रहने वाली मां बेटी की है. यह दोनों ही मां बेटी अपने गजब के स्टार्ट अप की बदौलत देश की तमाम महिलाओं के लिए बिजनेस वूमेन के तौर पर इंस्पिरेशन बन गई हैं. आज के इस पोस्ट में हम आपको इन्हीं की बिजनेस जर्नी के बारे में जानकारी देंगे. तो चलिए जानते हैं “द इंडियन एथनिक कंपनी के बारे में.
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ऐसे हुई थी कारोबार की शुरुआत
द इंडियन एथेनिक कंपनी की सह संस्थापक लेखनी देसाई के मुताबिक, साल 2016 में उन्होंने इस कारोबार को शुरू किया था. यह कहती हैं कि उनकी मां हेतल देसाई हम दोनों बहनों के लिए तरह-तरह के कपड़े डिजाइन करती थी और हम हर साल कई नई नई डिजाइनओं के कपड़े पहनते थे. जब मैं कॉलेज में पढ़ाई कर रही थी. उस दौरान मुझे इस चीज का पैशन भी था और डिजाइनिंग में मुझे कुछ करना भी था. यही वजह रही कि मैंने मां के साथ मिलकर ‘द इंडियन एथेनिक कंपनी” की शुरुआत की. साल 2016 में लेखनी और हेतल ने कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद इससे बिजनेस स्ट्रेटेजी पर दिन रात काम किया था. इसके बाद मां बेटी की इस जोड़ी ने बनाए गए डिजाइनों को शहर के लोगों के पास भेजा और शहर के लोगों ने इनके द्वारा बनाए गए डिजाइनों को बेहद पसंद किया. ऐसी ही एक प्रदर्शनी में उन्होंने कुछ अजरख सामग्री उठाई और हेतल ने उसके साथ कुछ सिल्हूट बनाए.
सोशल मीडिया से मिली काम को रफ्तार
लेखनी के मुताबिक इनके काम को रफ्तार सोशल मीडिया के जरिए मिली. इन्होंने शुरुआत में ही एक फेसबुक पेज बनाया था. द इंडियन एथेनिक के नाम से इस फेसबुक पेज पर यह बनाई गई डिजाइनओं की तस्वीरें शेयर करती रहती थी, यह कहती है कि मुझे ठीक से याद नहीं है लेकिन शुरुआत में हम कटे हुए तस्वीरें शेयर करते थे और आर्डर के लिंक भी देते थे. शुरुआत में हमें गोवा से आर्डर मिला था. जिसके बाद हमारा और हमारे साथ काम करने वाले लोगों का मनोबल बहुत ज्यादा बढ़ गया. इसके बाद हमें केरल से भी आर्डर मिला. इसके बाद तो हमारी कंपनी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ ली. वर्तमान समय में हमारी कंपनी शिल्पकारों की मदद से नई नई डिजाइन बनाने का काम करती है.
5 करोड़ के आसपास है टर्न ओवर
आखिर में लेखनी कहती हैं कि उनकी कंपनी में आज 100 से ज्यादा कारीगर काम करते हैं और उनका व्यापार देश के कई अलग-अलग हिस्सों में फैल चुका है 100 कारीगरों के साथ-साथ इनके यहां 25 कर्मचारी भी काम करते हैं. देश में तो इनका व्यापार है ही इसके अलावा न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, मलेशिया, जापान , चीन जैसे देशों में भी इनके डिजाइन की सप्लाई की जाती है. इनकी कंपनी के द्वारा बनाए गए कुर्ते की कीमत 1880 से शुरू होती है. जबकि साड़ी की बात करें तो इनकी साड़ी का शुरुआती प्राइस 1699 रुपए है.
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