साउथ फिल्म इंडस्ट्री की ब्लॉकबस्टर फिल्म केजीएफ का एक डायलॉग जो दर्शकों को बेहद पसंद आता है, वह डायलॉग यह है कि, “दुनिया की सबसे बड़ी योद्धा माँ होती है”. वैसे तो यह केवल एक फिल्म का डायलॉग है, लेकिन असल जिंदगी में भी कई बार ऐसा देखा जा चुका है कि एक मां ने अपने बच्चों के लिए सारी हदें पार कर ली हो. आज हम ऐसे ही एक मां और बच्चों के बारे में बताएंगे. जिसमें अपने बच्चों का पेट भरने के लिए माँ ने अपने बेटे के शिक्षक से 500 रुपए मांगे. लेकिन इसके बाद उस महिला की जिंदगी पूरी तरह बदल गई.
आज हम आपको जिस खबर के बारे में बताने वाले हैं, वह खबर हमारे देश भारत के राज्य केरल की है. जहाँ एक महिला गरीबी से जूझ रही थी. उस महिला के बच्चे भूखे ही अपना जीवन व्यतीत कर रहे थे. उस महिला के पास घर में इतने पैसे नहीं है कि वह अपने बच्चों का पेट भर सके. हम जिस महिला के बारे में बात कर रहे हैं उस महिला का नाम सुभद्रा है. कुछ साल पहले सुभद्रा के पति का देहांत हो गया, जिसके बाद सुभद्रा की देखभाल करने वाले कोई नहीं बचा.
आपको जानकर हैरानी होगी कि सुभद्रा के पास खाने के लिए कुछ भी नहीं बचा. वह इस हाल में आ गई कि, उन्हें अपने बेटे के शिक्षक से मदद मांगी पड़ी. जिसके बाद सुबह धरा ने अपने बेटे के टीचर गिरिजा से जाकर ₹500 मांगे. जिसके बदले में गिरिजा ने पूरे 1000 सुभद्रा को दिए. 1000 देने के बाद टीचर ने कहा कि वह बाद में इस मामले पर गौर करेंगे.
आपको बताते चलें कि 1000 देने के बाद जब वह टीचर सुभद्रा के घर पहुंची, तो वह सुभद्रा के घर की हालत देखकर काफी हैरान रह गईं. उनके घर में खाने के लिए कुछ भी नहीं है, बस थोड़ा सा एक बर्तन में आनाज बना हुआ था. यह देखकर गिरिजा काफी भावुक हुई और उन्होंने सुभद्रा को 5 लाख रुपए दे दिए. इतनी बड़ी रकम देने के पीछे का सबसे बड़ा कारण यह था कि, सुभद्रा सिर्फ ने अपनी नई जिंदगी शुरू कर सके.
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