हमारा देश भारत एक कृषि प्रधान देश है. एक कृषि प्रधान देश होने की वजह से हमारे देश का आर्थिक स्थिति कृषि पर ही निर्भर होती है. वैसे तो जब भी कृषि प्रधान देश का नाम आता है, तो ऐसे में हमारे देश के लोग खेती पर बात करने लगते हैं. लेकिन आपको बता दें कि कृषि प्रधान के अंदर केवल खेती ही नहीं, बल्कि पशुपालन भी आता है. लेकिन आज हम आपको हमारे देश के किसानों के बारे में बताने वाले हैं. वैसे तो यह बात हम सब जानते हैं कि हमारे देश भारत में धीरे-धीरे मॉडर्न एग्रीकल्चर बढ़ती जा रही है. इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि मॉडर्न एग्रीकल्चर की वजह से किसान भाइयों को काफी दादा फायदा होता है.
आपको बता दें कि किसान का फसल एवं किसी भी प्रकार के पेड़ पूरी तरह से जलवायु पर निर्भर होता है. लेकिन जलवायु के अलावा भी जहां पर वह फसल की जा रही है, उस जगह की मिट्टी भी बेहद महत्वपूर्ण होती है. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे किसान के बारे में बताने वाले हैं, जिन्होंने मात्र ₹6 के पौधे से 45 किलो पपीता प्राप्त कर लिया है. जी हां वैसे तो यह बात सुनने में हैरान कर सकती है लेकिन यह बिल्कुल सच है.
हमारे देश भारत के राज्य बिहार के सहरसा जिले के रहने वाले उनके किसान मोहम्मद सरबूज ने अपनी सूझबूझ एवं मॉडर्न एग्रीकल्चर का सहायता लेकर एक पौधे से 45 किलो पपीता प्राप्त कर लिया. सहरसा के रहने वाले मोहम्मद पपीते की खेती करते हैं और वह पूरी तरह से इस खेती पर ही निर्भर है. उन्होंने पपीते की खेती इस साल 2022 में करना शुरू किया था. वह मीडिया से बात करते हुए बताते हैं कि, उन्हें एक पौधा सरकार की तरफ से मात्र ₹6 में पड़ा. वैसे कोई भी भारतीय नागरिक किसी भी विच का पौधा मात्र ₹6 में ही प्राप्त कर सकता है.
₹6 में पपीता का पौधा प्राप्त करने के बाद मोहम्मद उस पौधे को एक अलग प्रकार की मिट्टी में गाड़ देते हैं. जिसके 6 महीने बाद वह पौधा फल देने लगता है. यही नहीं बल्कि वह इस दौरान अलग-अलग प्रकार के मॉडर्न एग्रीकल्चर का इस्तेमाल करते हैं और उस पौधे को इस लायक बनाते हैं कि, वह काफी कम समय में ही ज्यादा फल देने लगता है. मीडिया से बात करते हुए मोहम्मद यह भी बताते हैं कि उन्होंने इस पौधे से 45 किलो पपीता प्राप्त करने के लिए काफी मेहनत भी किया.
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