भारत में लोग शादियों को काफी अधिक महत्व देते हैं. आपको बताते हैं कि लोग ना केवल शादियों को महत्व देते हैं, बल्कि शादियों में पानी के तरह पैसे भी बहाते हैं. इससे इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि, लोग इस शादी को लेकर कितना व्याकुल रहते हैं. जब बात शादी की आती है तो ऐसे में लोग कई प्रकार के शादी के कार्ड छपाते हैं. ऐसे ही आज हम आपको एक शादी के कार्ड के बारे में बताने वाले हैं, जो इन दिनों सोशल मीडिया के लगभग सभी प्लेटफार्म पर जमकर वायरल हो रहा है.
दरअसल शादी के कार्ड में लोग मेहमानों को अपने घर बुलाने के लिए अलग-अलग वाक्यों का प्रयोग करते हैं. ऐसे में कई बार यह लिखा होता है कि, “मेरे चाचू की शादी में जलूल जलूल आना”. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे शादी के कार्ड के बारे में बताएंगे, जिसमें लिखे वाक्य को पढ़कर मेहमान सोच में पड़ गए कि, इसे शादी में जाना है या नहीं.
शादी के कार्ड में अर्थ का अनर्थ तब हो गया जब लिखना था कि, भेज रहा हूं स्नेह निमंत्रण, प्रियवर तुम्हें बुलाने को. हे मानस के राजहंस, तुम भूल ना जाना आने को.’ अब छपने में हो गई गलती. लिखा गया कि भेज रहा हूं स्नेह निमंत्रण, प्रियवर तुम्हें बुलाने को. हे मानस के राजहंस, तुम भूल जाना आने को.”.
सोशल मीडिया पर एक व्यक्ति ने इसे शादी के कार्ड को पोस्ट किया. शादी के कार्ड को पोस्ट करने के बाद में लोगों से यह बात पूछ रहा है कि, इस शादी में जाऊं या नहीं. जिसके बाद लोग काफी ज्यादा खुश रहे हैं. हालांकि ऐसा कई बार होता है कि, शादी को प्रिंट करने में कई वाक्य छूट जाते हैं. लेकिन इस तरह का वाक्य का छूट जाना अर्थ का अनर्थ बना सकता है.
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