भारत के एक महान कवि ने लिखा है कि, “कौन कहता है कि आसमान में सुराख हो नहीं सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो”. यह बात किसी भी व्यक्ति के असल जिंदगी में काफी सच साबित होती है. ऐसा कोई भी काम नहीं है, जो व्यक्ति चाहे और वह पूरा ना हो. आपको बता दें कि अगर कोई व्यक्ति अपने जीवन में किसी सपने को साकार करना चाहता है, तो उसे सपने को जरूर पूरा कर सकता हैं. उस सपने को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करना बेहद जरूरी होता है. ऐसे ही आज की खबर में आज हम आपको मध्य प्रदेश की एक लड़की के बारे में बताने वाले हैं, जिन्होंने अपने सपने को पूरा करने के लिए दिन और रात एक कर दिया.
मध्य प्रदेश की रहने वाली आईएएस अधिकारी तपस्या परिहार एक ऐसा नाम है, जो आए दिन खबरों में आता रहता है. आपको बता दें कि तपस्या परिहार भारत की एक ऐसी आईएएस अधिकारी है, जिन्हें काफी निडर माना जाता है. लेकिन आज हम आपको उनकी प्रोफेशनल जिंदगी के बारे में नहीं, बल्कि उनकी शुरुआती जिंदगी के बारे में बताएंगे एवं उनके आईएएस अधिकारी बनने तक का सफर के बारे में भी आपको बताएंगे.
तपस्या परिहार ने अपनी प्राथमिक शिक्षा केंद्रीय विद्यालय से पूरी की. उनके पिता एक किसान हैं और खेतों में काम करते थे. लेकिन इसके बावजूद उन्होंने अपनी बेटी को एक अच्छा शिक्षा प्रदान किया है. आपको बता दें कि इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह मध्य प्रदेश से पुणे आ गई. पुणे में उन्होंने कानून की डिग्री प्राप्त की वह शुरू से ही कानून की पढ़ाई करना चाहती थी.
कानून की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने यूपीएससी जैसे कठिन परीक्षा को पास करने के बारे में सोचा. यही नहीं बल्कि उन्होंने लगातार 2 सालों तक यूपीएससी जैसे कठिन परीक्षा की तैयारी की. साल 2017 में उन्होंने यूपीएससी जैसे कठिन परीक्षा को पास करके इतिहास रच दिया. उन्होंने न केवल इस कठिन परीक्षा को पास किया बल्कि इस परीक्षा में 23वां अंक हासिल करके अपने पिता का नाम रोशन किया और आईएएस अधिकारी बन गई.
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