जैसा कि हम सभी जानते हैं दीपावली आने वाली है दीपावली के दिन हम लोग लक्ष्मी जी और गणेश जी की पूजा मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए कई प्रकार के भोग भी लगाते हैं। मां लक्ष्मी के पूजा करने के बाद आरती किया जाता है जो मन से मां लक्ष्मी की आरती करता है उसके सारे मनोकामनाएं माता रानी पूर्ण करती है।
लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता।
सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता।
सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता।
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता।
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
सब बोलो लक्ष्मी माता की जय, लक्ष्मी नारायण की जय।
जब आप या हम पूजा के बाद लक्ष्मी जी की आरती करते हैं तो जब आरती समाप्त हो जाए तो तुलसी में अवश्य आरती दिखाना चाहिए।तुलसी में आरती दिखाने के बाद घर में सभी लोगों को आरती लेनी चाहिए । आरती लेने से माता की कृपा हमेशा बनी रहती है।
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