फेसबुक (Facebook) जिसे पहले मेटा कहते थे, की मुसीबत लीना खान ने बढ़ा दी है। Meta को फिर से कोर्ट लेकर जायेंगी लीना खान।
लीना खान FTC की अध्यक्ष है जिन्हे,मार्च 2021 में राष्ट्रपति जो बाइडेन ने FTC के अध्यक्ष के रूम में चुना था।वह कोलंबिया लॉ स्कूल में प्रोफेसर भी हैं। पाकिस्तानी मूल की लीना खान का जन्म, 3 मार्च 1989, लंदन में हुआ था।
फेसबुक पर हमेशा से एंट्रिट्रस्ट के इल्जाम लगते आए है,साल 2012 में फेसबुक को एक अरब डॉलर में इंस्टाग्राम को खरीदने की इजाज़त फेडरल ट्रस्ट कमीशन ने दी थी उस वक्त इंस्टाग्राम में 13 कर्मचारी हुआ करते थे, इसके बाद साल 2014 में व्हाट्सएप को फेसबुक ने 19 अरब डॉलर में खरीद लिए था। फेसबुक पर अब FTC के अनुसार आरोप ये कि फेसबुक बाजार में धीरे धीरे एकाधिकार बनाने की कोशिश कर रहा है। जिसकी वजह से फेसबुक (Facebook) को कोर्ट ले जाया गया।अमेरिका में एंट्री ट्रस्ट मोनोपॉली कानून का हवाला देते हुए लीना खान ने अब तक फेसबुक के साथ कई और टेक कंपनियों को पहले भी चुनौती दे चुकी है। इसी बात का फायदा फेसबुक (Facebook)अपने बचाव में उठाना चाहता है और कह रहा है कि लीना का कंपनियों से पक्षपात करती है लेकिन फिलहाल फेसबुक इस दलील को फेडरल जज ने खारिज कर दिया।
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(Facebook) फेसबुक पर वैसे ही पर काफी लंबे वक्त से एंटीट्रस्ट के आरोप लगते आ रहे हैं। पिछले साल भी फेडरल ट्रस्ट ने फेसबुक के खिलाफ कोर्ट गई थी,जिसमे फेडरल का फेसबुक पर आरोप था कि, सोशल मीडिया के क्षेत्र में फेसबुक अपना एकाधिकार बनाए रखने की कोशिश कर रही है। वैसे बता दे,कि फेडरल ट्रेड कमीशन न केवल फेसबुक पर बल्कि गूगल और अमेजन जैसे और बड़ी कंपनियों पर की नजर रखे हुए हैं। एफटीसी ने फेसबुक पर पिछले साल भी एंटी ट्रस्ट रूल्स वायलेशन का केस दर्ज करवाया था पर उस समय तब पर्याप्त जानकारी न होने के कारण एफटीसी की अर्जी खारिज हो गई थी। अब फिर इसी केस में फेडरल की जज नेहरी झंडी दिखा दी है, एफटीसी अब फिर से एक बार फिर फेसबुक को कोर्ट में ला सकता है।