नकारात्मकता की चादर हर कोई ओढे घूम रहा है. इसके उलट समाज में कुछ ऐसे भी लोग मौजूद हैं. जो समाज को मजबूत बनाने के लिए उसमें सकारात्मकता फैलाने के लिए कुछ ऐसे कदम उठाते हैं. जो हमेशा हमेशा के लिए यादगार बन जाते हैं. हन्चम्मा चौदरी भी उसी कैटेगरी में शामिल हैं. जो समाज में बदलाव के लिए ऐसे कदम उठाने के लिए सक्षम हैं. दरअसल, कर्नाटक के जिस गांव में यह पिछले कई वर्षों से निवास कर रही हैं. वहां एक समस्या लंबे अरसे से चली आ रही थी और समस्या स्कूल की थी. कहने को गांव के लिए कई बार स्कूल बनवाने के प्रस्ताव आए, लेकिन प्रयाप्त जमीन न उपलब्ध हो पाने के कारण गांववालों की इस समस्या का निवारण नहीं हो पाया.

हर बार ही गांव के लोग इस सपने को देखते और ये सपना झट से टूट जाता. पर जब ये परेशानी हन्चम्मा चौदरी को पता चली तो उन्होंनेे एक ऐसा कदम उठाया. जिसके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता था. इन्होंने गांव में स्कूल बनाने के लिए अपनी एक करोड़ की जमीन दान कर दी. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक तीन दशक पहले इन्होंने यह काम किया था. दरअसल, उस दौरान इनकी शादी हुई और उसी समय उनके पति का निधन हो गया था. इसके बाद एक दिन गांव में कुछ अधिकारी आए थे. जो इस्कूल के लिए जमीन खोज रहे थे और कड़ी मशक्कत के बाद भी उन्हीं जानी नहीं मिल रही थी. इसके बाद उन्होंने अपनी आधा एकड़ जमीन दान करने का फैसला किया और उस जमीन पर स्कूल बनाने का काम प्रारंभ हो गया.

वहीं कुछ समय बाद इन्हें पता चला कि अब खेल मैदान बनाने के लिए उन्हें जमीन की जरूरत पड़ रही है. ऐसे में एक बार फिर से हन्चम्मा चौदरी आगे आई और अपनी बची हुई जमीन भी खेल मैदान बनाने के लिए दान में दे दी. यह कहती हैं. जब मैंने स्कूल बनवाने के लिए जमीन दान में दी थी तो मुझे काफी सुकून हुआ. आज कल भी मैं बच्चों को खाना खिलाने का काम करती हूँ.
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