झारखंड हमारे देश भारत का एक ऐसा राज्य है, जो अपने खनिज पदार्थों के लिए जाना जाता है. आपको बता दें कि पूरे भारत में अगर सबसे अधिक खनिज पदार्थ कहीं पाया जाता है, तो वह हमारे देश का राज्य झारखंड है. झारखंड में वैसे तो कई प्रकार के खनिज पदार्थ पाए जाते हैं, लेकिन सबसे मशहूर कोयला है. पूरे भारत में सबसे अधिक कोयला झारखंड में ही पाया जाता है. यह बात हम सब जानते हैं कि, कोयला की खदान जमीन के अंदर होते हैं. अंडर ग्राउंड काम करने के बाद कोयला बाहर निकाला जाता है.
कोई नहीं कह खदानों में काम करने से कई लोग पीछे हटते हैं. लोगों का ऐसा मानना है कि यह काम बेहद जोखिम भरा काम होता है. इसी बीच आज हम आपको एक ऐसी महिला के बारे में बताएंगे, जो भारत की पहेली महिला कोल माइन अंडरग्राउंड इंजीनियर बनी. आज हम आपको जिस महिला के बारे में बताने वाले हैं उस महिला का नाम आकांक्षा कुमारी है. आकांक्षा कुमारी हमारे देश भारत के राज्य झारखंड के रहने वाली हैं. उन्होंने सेंट्रल कोलफील्ड लिमिटेड में बतौर इंजीनियर नौकरी पाई है.
मीडिया से बात करते हुए आकांक्षा कुमारी कहती है कि, “लोग कोयले की भूमिगत खदानों में काम करने के खतरे बताते थे, मुझे इन खदानों की भीतरी दुनिया देखनी थी. मेरा बचपन हजारीबाग के कोलफील्ड्स में बीता. ऐसे में कोयला खदानों की ओर स्वाभाविक रूप से दिलचस्पी पैदा हो गई. मन को यही ख्याल मथता रहता था कि इन खदानों के भीतर क्या होता होगा?”
अपनी बातों को जारी रखते हुए आकांक्षा आगे कहती हैं कि, “कोयले की खदानों में शुरू से ही दिलचस्पी के कारण जब करियर की बात आई, तो माइनिंग में ही जाने का तय किया. जब मैनें पिता को इस फैसले के बारे में बताया और संबंधित क्षेत्र में पढ़ाई करने का विचार रखा, तो उन्होंने कोलफील्ड्स में काम करने वाले अपने मित्रों से सलाह ली. कुछ ने जहां इसे अच्छा करियर बताया, वहीं अधिकांश ऐसे थे, जिन्होंने इस क्षेत्र में खतरा बताते हुए किसी और फील्ड में करियर बनाने की सलाह दी”.
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