हमारे देश भारत के छात्र हर क्षेत्र में कामयाबी हासिल कर रहे हैं. जब बात हमारे देश भारत के छात्रों की आती है, तो ऐसे में इंजीनियर का नाम जरूर आता है. इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले छात्रों के बारे में ऐसा माना जाता है कि, वह अपने जीवन में कुछ अच्छा कर पाते हैं. इंजीनियरिंग के छात्र ऐसे छात्र होते हैं, जो किसी भी क्षेत्र में अपनी कामयाबी हासिल करने से पीछे नहीं हटते. ऐसा कई बार देखा जा चुका है के इंजीनियरिंग के छात्रों ने कुछ ऐसा कारनामा कर दिखाया है, जो चर्चा का विषय बन गया.
ऐसे ही आज हम आपको एक इंजीनियरिंग के छात्र के बारे में बताने वाले हैं. जिन्होंने मिलकर एक ऐसे कार का निर्माण किया जो बिना ड्राइवर के चलती है. हम जिन छात्रों के बारे में बात कर रहे हैं वह छात्र मोती लाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के छात्र हैं. मोती लाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के छात्रों ने मिलकर एक ऐसी गाड़ी का निर्माण किया है, जो बिना ड्राइवर के चलने सकती है.
जिन छात्रों ने बिना ड्राइवर के कार का निर्माण किया वह छात्र बीटेक के स्टूडेंट हैं. मीडिया को दिए इंटरव्यू में एक छात्र बताते हैं कि उन्होंने ऐसी कार बनाने के लिए कई महीने तक कड़ी मेहनत की. कई महीनों के कड़ी मेहनत के बाद ही उन्होंने इस नतीजे तक पहुंचा के बिना ड्राइवर के चलने वाली कार बना डाली. बिना ड्राइवर के चलने वाली कार के बारे में विस्तार से बात करें, तो इसमें आगे में एक कैमरा या फिर सेंसर लगा होता है. उस सेंसर या कैमरे की मदद से गाड़ी के सामने आने वाले अन्य गाड़ियों गड्ढे एवं भीड़भाड़ को परख लेती है. भीड़ भाड़ एवं अन्य गाड़ियों को परखने के बाद यह कार ऑटोमेटिक ब्रेक दबा लेती है.
आपको बताते चलें कि बिना ड्राइवर के कार का निर्माण करने के बाद उस कार को अच्छी तरह चेक किया गया. यही नहीं बल्कि उस कार को रोड पर भी चला कर देखा गया था. जिसके बाद ही यह अविष्कार संपन्न हुआ है. इसी के साथ यह भारत का ऐसा पहला कार है जो बिना ड्राइवर के चल सकती है.
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