इस जेनेरेशन में महिला पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है. ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जहाँ महिलाओं का बोलबाला ना हो. एक समय ऐसा था जब महिलाओं को केवल घर के कामों के लिए ही माना जाता था. ऐसा कहा जाता था कि, महिलाएं पढ़ लिखकर कुछ नहीं कर सकती, वह किचन में ही अच्छी लगती है. लेकिन अब जमाना बदल गया जमाना के साथ-साथ समय भी बदल गया. अब महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही है. ऐसे ही आज हम आपको एक महिला के बारे में बताएंगे, जिनका नाम गीता गोपीनाथ है. जो वर्तमान समय में अमेरिका में आईएमएफ पद पर कार्य कर रही हैं.

दिल्ली के कॉलेज में पढ़ती थी गीता
49 वर्षीय गीता गोपीनाथ का जन्म भारत के राज्य पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में हुआ था. उन्होंने अपनी प्राथमिक पढ़ाई कर्नाटक के मैसूर शहर से पूरी की. जिसके बाद उन्होंने अर्थशास्त्र की पढ़ाई पूरी करने के लिए दिल्ली आ गई. दिल्ली में उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्रीराम कॉलेज से अर्थशास्त्र की पढ़ाई पूरी की. दिल्ली विश्वविद्यालय से अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने विदेश में जाकर स्नातक की पढ़ाई पूरी करने का सोचा. जिसके बाद वह अमेरिका चली गई अमेरिका के वाशिंगटन से उन्होंने अर्थशास्त्र में स्नातक की पढ़ाई पूरी की.
स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने हावर्ड जैसी यूनिवर्सिटी में कई सालों तक एक प्रोफेसर के रूप में काम किया. लेकिन उनका सपना कुछ और ही था वह अपने देश को आगे ले जाना चाहती थी और देश के लिए कुछ करना चाहती थी. यही कारण है कि, उन्होंने आईएमएफ की परीक्षा पास की और आईएमएफ के पद पर काम करने लगी. वह आज भारत की महिलाओं के लिए बहुत बड़ी मिसाल बन चुकी हैं.

आपको बताते चलें कि गीता गोपीनाथ उस समय सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुई, जब उन्होंने जीएसटी को लेकर अमेरिका में भाषण दिया था. गीता के भाषण से सभी लोग का भी प्रभावित हुए थे. यही नहीं बल्कि गीता गोपीनाथ से भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी निधि मिलने का फैसला किया था. हालांकि गीता गोपीनाथ हमारे देश की पहली ऐसी महिला नहीं है, जिन्होंने देश की महिलाओं का नाम रोशन किया हो.
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