जीवन में सफल होने के लिए ऐसा माना जाता है कि कभी हार नहीं मानना चाहिए. हालांकि छात्र एक दो बार असफल होने के बाद हार मान लेते हैं. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे आईएएस अधिकारी की कहानी बताने वाले हैं, जो दो बार असफलता का सामना करने के बाद भी हिम्मत नहीं हारी. आज हम आपको जिस आईएएस अधिकारी के बारे में बताने वाले हैं, उस आईएएस अधिकारी का नाम विशाखा यादव है. विशाखा यादव भारत की सबसे चर्चित आईएएस अधिकारी में शामिल है. यही नहीं बल्कि उनके चर्चे आए दिन सोशल मीडिया पर देखने को मिलते हैं. लेकिन आज हम आपको विशाखा यादव की प्रोफेशनल जिंदगी के बारे में नहीं, बल्कि उनकी निजी जिंदगी के बारे में बताएंगे.
पहले दो प्रयासों में हुई थी असफल
विशाखा यादव की निजी जिंदगी के बारे में बात करें, तो भारत की राजधानी दिल्ली के द्वारका से ताल्लुक रखती हैं. विशाखा यादव के पिता भी दिल्ली पुलिस में हाई पोस्ट पर है. लेकिन वह अपनी बेटी को इंजीनियर बनाना चाहते थे. यही नहीं बल्कि विशाखा भी एक इंजीनियर बनना चाहती थीं. इसके लिए उन्होंने अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई दिल्ली से ही पूरी की. इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद, उन्हें एक अच्छी जगह नौकरी भी मिल गई.
आपको जानकर हैरानी होगी कि जहां विशाखा यादव की नौकरी लगी थी, वहाँ उनकी सैलरी काफी अच्छी थी. लेकिन वह नौकरी विशाखा यादव को नहीं भाई. यही कारण था कि, उन्होंने इंजीनियर की नौकरी छोड़कर यूपीएससी की तैयारी करने लगी. यूपीएससी की तैयारी करने के दौरान उन्होंने अपने आप के ऊपर काफी मेहनत किया. जब यूपीएससी की परीक्षा में जब पहले दो प्रयासों में विशाखा यादव के हाथ असफलता में लगी. यही नहीं बल्कि पहले दो प्रयासों में वह प्रीलिम्स भी पास नहीं कर पाई. लेकिन इसके बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी.
पहले दो प्रयासों में असफल होने के बाद भी शाखा यादव ने अपने रणनीति में बदलाव किया वह पहले से अधिक पढ़ाई करने लगी. दिन में कई घंटे पढ़ाई करती थी इसका परिणाम यह हुआ कि तीसरी प्रयास में वह यूपीसी जैसे कठिन परीक्षा को पास कर के आईएएस अधिकारी बन गईं. आईएएस अधिकारी बनने के बाद उन्होंने ना केवल अपने परिवार वालों बल्कि, अपने समाज का भी नाम रोशन किया. मालूम हो कि आज विशाखा यादव भारत की सबसे मशहूर आईएएस अधिकारियों में शामिल है.
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