“कौन कहता है आसमान में सुराख हो नहीं सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों”, दुष्यंत कुमार की यह पंक्तियां एक ऐसी पंक्ति है, जो लाखों छात्रों को मोटिवेट करने का काम करती है. आपको बता दें कि इस पंक्ति को पढ़कर लाखो छात्र खुद को मजबूत महसूस करते हैं, और फिर से अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने लगते हैं. आपको बता दें कि यूपीएससी की परीक्षा को पास करना हर किसी के बस की बात नहीं है. यही नहीं बल्कि यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों के जीवन में भी एक समय ऐसा आता है, जब वह इससे हिम्मत हार जाते हैं ऐसे मुश्किल समय में उन्हें मोटिवेट करने के लिए किसी का साथ चाहिए होता है. जब किसी छात्र के पास किसी का साथ नहीं होता तब वह दुष्यंत कुमार की यह, पंक्तियां पढ़कर खुद को मोटिवेट कर लेते हैं.
गरीब माँ के हौसले से बेटे ने पास किया UPSC
गरीबी हमारे देश का एक बहुत बड़ा समस्या है. लेकिन ऐसा माना जाता है कि गरीबी होने के बाद भी हमारे देश के लोग का ही दिलदार होते हैं. जी हां आज हम आपको एक ऐसे ही शख्स के बारे में बताएंगे जिन्होंने पड़ा हाई के मदद से अपने परिवार वालों की गरीबी दूर कर दी. हम बात कर रहे हैं आईएएस अधिकारी गौरव बुडानिया की. आपको बता दें कि गौरव एक ऐसा नाम है, जिन्होंने यूपीएससी जैसे कठिन परीक्षा को एक बार नहीं बल्कि दो-दो बार पास किया है.
गौरव की शुरुआती जिंदगी के बारे में बात करें तो वह राजस्थान के रहने वाले हैं. उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा भी राजस्थान में ही पूरी की थी. जिसके बाद इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के लिए वह बनारस चले आए. IIT BHU से उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की. इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्हें बहुत बड़े कंपनी में जॉब ऑफर्स हो रही थी, लेकिन गौरव उस जॉब को छोड़कर यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी करने में लग गए.
आपको बता दें कि अच्छे खासे जॉब का ऑफर ठुकराने के बाद भी गौरव की माँ ने उनका हौसला बढ़ाया, और गौरव के फैसले का समर्थन किया. अपने माँ के हौसले के बदौलत गौरव ने यूपीएससी जैसे कठिन परीक्षा को साल 2018 में पास कर लिया था. जिसके बाद वह एसडीएम बन गए. लेकिन गौरव का सपना आईएएस बनने का था. जिसके बाद उन्होंने साल 2020 में एक बार फिर से यूपीएससी की परीक्षा दी और इस बार वह आईएएस अधिकारी बन गए. गौरव के आईएएस अधिकारी बनने के बाद उनके परिवार वालों में खुशी की लहर दौड़ गई.
Discussion about this post