भारत की सबसे कठिन परीक्षा यूपीएससी की परीक्षा को मारी जाती है. आपको बता दें कि यूपीएससी की परीक्षा को पास करने के लिए छात्र कई सालों तक लगातार मेहनत करते हैं. ऐसा कई बार देखा जा चुका है कि यूपीएससी की परीक्षा में कामयाब होने के बाद छात्र के जीवन की असली सच्चाई सामने आती हैं. कई छात्र अपने जीवन के संघर्षों से लड़कर यूपीएससी जैसे कठिन परीक्षा में कामयाबी हासिल करते हैं. ऐसे ही आज हम आपको एक व्यक्ति के बारे में बताने वाले हैं, जिन्होंने अपने जीवन के सबसे बुरे दिन देखने के बाद भी हिम्मत नहीं हारी और अपनी तैयारी जारी रखा.
आज हम आपको जिस व्यक्ति के बारे में बताने वाले हैं उनका नाम मोहम्मद अली शिहाब है. मोहम्मद अली शिहाब भारत के राज्य केरल के रहने वाले हैं. उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा में ही पूरी की. लेकिन जब वह काफी छोटे थे तभी उनकी मां ने उन्हें और उनके भाई को एक अनाथालय में छोड़ दिया था. अनाथालय में छोड़ने के पीछे का सबसे बड़ा कारण यह था कि, मोहम्मद के घर में आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी. यही कारण है कि उनकी माँ ने अपने दोनों बेटों को अनाथालय में छोड़ दिया था. अनाथालय में रहकर ही मोहम्मद ने अपनी इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई पूरी की.
आपको जानकर हैरानी होगी कि अनाथालय में रहने के बावजूद मोहम्मद यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी करते रहे. उन्होंने अपने जीवन में कई तरह के बुरे वक्त देखे हैं. आपको बता दें कि अनाथालय से निकलने के बाद उन्होंने अपना पेट पालने के लिए चपरासी तक की नौकरी भी की. चपरासी की नौकरी करते हुए वह यूपीएससी की तैयारी जारी रखा. हालांकि पहले 2 प्रयासों में उन्हें सफलता नहीं मिली.
साल 2011 में मोहम्मद ने यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल करके इतिहास रच दिया. मालूम हो कि साल 2011 में उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में 266वां रैंक लाकर इतिहास रच दिया. आपको बताते चलें कि मोहम्मद को तीसरे प्रयास में सफलता हासिल हुई. यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल करने के बाद वह एक आईएएस अधिकारी बन गए और उन्होंने न केवल अपना बल्कि अपने परिवार वालों की जिंदगी भी सुधार दी.
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