भारत का सबसे कठिन परीक्षा यूपीएससी को माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि, यूपीएससी को पास करने वाले छात्र काफी होनहार होते हैं. लेकिन आपको बता दें कि, यूपीएससी को पास करने वाले छात्रों का जीवन काफी दुख भरा होता है. हालांकि ऐसा नहीं है कि यूपीएससी को पास करने वाले सभी छात्रों के जीवन में मुसीबत हो, लेकिन कई ऐसे छात्र हैं, जिन्होंने मुसीबतों से लड़कर यूपीएससी का परीक्षा पास किया होता है. ऐसे ही आज हम आपको एक छात्र अनिल के बारे में बताएंगे. मालूम हो कि अनिल बसाक बिहार के एक छोटे से गांव के रहने वाले हैं, जिनका बचपन बेहद गरीबी में गुजरा.

आईआईटी दिल्ली से की इंजीनियरिंग
अनिल की शुरुआती जिंदगी के बारे में बात करें तो अनिल का परिवार आर्थिक रूप से काफी कमजोर था. उनके पिता घर घर जाकर फेरी में कपड़े बेचा करते थे. यही कारण है कि, उनकी पढ़ाई भी सही से नहीं हो पाई. लेकिन अनिल शुरू से ही पढ़ना चाहते थे. उन्होंने सरकारी स्कूल में अपनी पढ़ाई पूरी की. पैसों की कमी होने के वजह से अनिल अच्छी कोचिंग नहीं कर पाए, लेकिन उसके बावजूद भी उन्होंने आईआईटी का प्रवेश परीक्षा पास कर लिया और आईआईटी दिल्ली में एडमिशन ले लिया. उन्होंने आईआईटी दिल्ली से सिविल इंजीनियरिंग में अपनी पढ़ाई पूरी की.

इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद वैसे तो अनिल को कई सारे जॉब ऑफर हो रहे थे, लेकिन उनका सपना कुछ और ही था. वह इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद यूपीएससी जैसे कठिन परीक्षा की तैयारी करने लगे. उनका सपना आईएएस बनने का था. साल 2016 में उनकी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी हुई, जिसके बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी थी. साल 2018 में उन्होंने पहली बार यूपीएससी की परीक्षा दी थी लेकिन पहली प्रयास में उन्हें निराशा हाथ लगी. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी.

दूसरे परीक्षा में अनिल ने अपने परिवार वालों का सपना सच कर दिखाया और यूपीएससी जैसे कठिन परीक्षा को पास कर ली. दूसरे प्रयास में अनिल का 616 रैंक आया. लेकिन अनिल इससे खुश नहीं थे, क्योंकि उनका सपना आईएएस ऑफिसर बनने का था. जिसके बाद उन्होंने तीसरी बार यूपीएससी की परीक्षा दी और तीसरी बार में उन्हें सफलता हासिल हो गई. तीसरी बार के परीक्षा में उनका रैंक 45 आया और वह आईएएस ऑफिसर बन गए.
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