यूपीएससी यानी यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन इस परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए हर साल लाखों अभ्यर्थी हिस्सा लेते हैं, लेकिन चंद ऐसे अभ्यर्थी होते हैं. जिनको इस परीक्षा में सफलता हासिल हो पाती है. इस परीक्षा को देश ही नहीं बल्कि दुनिया की प्रतिष्ठित परीक्षाओं की सूची में शामिल किया जाता है. जब भी यूपीएससी का रिजल्ट आता है तो कई इंस्पिरेशनल कहानियां भी हमारे सामने आती हैं. इस आर्टिकल में हम आपको एक ऐसे लड़के के बारे में बताने वाले हैं. जिसकी ग्रेजुएशन के दौरान दो बार बैक लगी थी और उसने इस दौरान तमाम तरह की परिस्थितियां भी झेली थी, लेकिन उसने कभी भी परिस्थितियों से हार नहीं मानी. बल्कि इनको हथियार बनाकर आगे का संघर्ष जारी रखा और फिर यूपीएससी की परीक्षा में सफलता का परचम लहरा दिया.
ग्रेजुएशन के दौरान दो बार लगी बैक

जी हां, इस आर्टिकल में हम आईएएस हिमांशु कौशिक (Ias Himanshu Kaushik) के बारे में बात कर रहे हैं. जिन्होंने साल 2017 में यूपीएससी की परीक्षा पास करके सफलता का परचम लहरा दिया था, लेकिन यहां पहुंचने के लिए संघर्ष भी काम नहीं किया. मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाले हिमांशु कौशिक इंजीनियरिंग की पढ़ाई गाजियाबाद के एक कॉलेज से की थी और इस दौरान इन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था. आर्थिक परेशानियां तो इनके सामने थी ही लेकिन दो बार बैक लगने के बाद यह काफी निराश हो गए थे हालांकि, बी – टेक करने के बाद उन्होंने बीटेक 65 फ़ीसदी अंकों के साथ पास की थी. बता दें, हिमांशु कौशिक ने ग्रेजुएशन के दौरान बतौर सॉफ्टवेयर एक कंपनी में काम भी किया था. इस दौरान उनके घर वालों को भरोसा विरोध हुआ था हालांकि, बाद में उन्होंने घरवालों को किसी तरह से संतुष्ट किया.
शुरू की यूपीएससी की तैयारी

हिमांशु कौशिक ने स्नातक पूरा होते ही यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी थी. जिन्होंने घरवालों को इसके लिए बहुत मुश्किल से मनाया था. वहीं उन्हें साल 2017 में सफलता भी हासिल हुई थी और अहम बात यह है हिमांशु कौशिक (Himanshu Kaushik) ने पहले ही प्रयास में इस परीक्षा में सफलता हासिल की थी. उन्होंने ऑल इंडिया लेवल पर 77 वी रैंक हासिल करके दिखा दिया था यहां महल कागज का टुकड़ा होती है.
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