कहावत है मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती लहरों से टकराकर नौका कभी पार नहीं होती. वाकई जो लोग सच्चे दिल और जुनून से परिश्रम करते हैं. उन्हें एक ना एक दिन सफलता जरूर मिलती हैं और वह अपनी परिश्रम की बदौलत सफलता के झंडे गाड़ देते हैं. आज के इस पोस्ट में हम आपको एक ऐसे लड़के की कहानी से रूबरू कराने वाले हैं. जिसका बचपन बहुत मुश्किलों में बीता और उसके पिता ट्रक ड्राइवर थे. यहां तक की फीस देने के लिए भी उसके घर वालों के पास पैसा नहीं होता था, लेकिन अब उसने यूपीएससी की परीक्षा पास करके मेहनत के दम पर मकाम हासिल कर लिया है. चलिए जानते हैं पवन कुमार कुमावत की संघर्ष भरी कहानी के बारे में.
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परिस्थितियों में बीता बचपन
पवन कुमार की आर्थिक स्थिति कैसी रही होगी. इस बात का अंदाजा आप लगा सकते हैं कि इनके पिता रामेश्वर एक ट्रक ड्राइवर हैं और वह 4000 महीने नौकरी करते हैं इससे साफ है कि पवन के घर का खर्चा इन पैसों से नहीं चल पाता था लेकिन इस ट्रक ड्राइवर के बेटे के अंदर बड़े-बड़े सपने बचपन से ही पल रहे थे और इसने शुरुआती दौर में ही सोच लिया था कि वह आगे चलकर यूपीएससी की परीक्षा पास करेगा और अधिकारी बनेगा और आखिरकार इसने दो असफलताओं के बाद इस परीक्षा को पास भी कर लिया है. नागौर के सोमणा के रहने वाले पवन का बचपन झोपड़ी में बीता, लेकिन अब उन्होंने अपनी मेहनत के दम पर दिखा दिया है कि अगर कोई सच्चे दिल से परिश्रम करता है, तो वह जिंदगी में कुछ भी हासिल कर सकता है.
लाइट के अभाव में लालटेन से की पढ़ाई
पवन कुमार कुमावत के संघर्ष का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं. जब इनका परिवार गांव से नागौर आ गया था. वहां पर इनके पिता ने ट्रक चलाना शुरु कर दिया. आलम यह कि इनके घर में लाइट भी नहीं हुआ करती थी यही वजह है. यह लालटेन जलाकर देर रात तक पढ़ाई करते हैं और कई बार पड़ोसियों की मदद भी लेते थे भले ही स्थितियां कैसी भी रही लेकिन पवन कुमार के पिता ने हमेशा ही इन्हें पढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया. यह कहते हैं कि उनके पिता ने हर समय उनका साथ दिया है. वहीं इनके यूपीएससी परीक्षा को देने की कहानी भी दिलचस्प है. उन्होंने एक साक्षात्कार में बताया कि उन्होंने एक हेड लाइन पढ़ी थी. जिसमें लिखा था. रिक्शा चालक का बेटा बना आईएएस और उसी दिन से उन्होंने ठान लिया था कि जब रिक्शा चालक का बेटा आईएएस बन सकता है. तो ट्रक ड्राइवर का बेटा क्यों नहीं और उसी दिन से इन्होंने प्रिपरेशन करना शुरू कर दिया और आखिरकार तीसरे अटेम्प्ट में इनको सफलता मिल गई.
लगातार मिली असफलता लेकिन हार नहीं मानी
पवन कुमार कुमावत वर्तमान समय में राजस्थान के बाड़मेर जिले में आरएस के तौर पर काम कर रहे हैं. बता दें, उन्होंने तीन बार यूपीएससी की परीक्षा दी थी. दो बार असफलता का सामना करना पड़ा लेकिन फिर इन्हें यूपीएससी की परीक्षा में 555 वी रैंक हासिल हुई, जिसके बाद इन्हें आरएएस का पद मिला. इन्होंने साल 2018 में शादी भी कर ली थी.
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