भारत को कृषि प्रधान देश कहा जाता है. इस देश में गांव के अधिकतर लोग खेती-बाड़ी करके अपना भरण पोषण करते हैं. किसानों के द्वारा सबसे ज्यादा खेती भारत में की जाती है. लेकिन अब धीरे-धीरे हमारे किसान भाइयों का खेती करने का तरीको में परिवर्तन देखने को मिल रहा है. हालांकि भारत में सबसे ज्यादा चावल की खेती की जाती है. उसके बाद दूसरे नंबर पर गेहूं आता है. लेकिन अब गांव के किसान भी अलग-अलग तकनीक के जरिए महंगे फल फ्रूट और सब्जियां उगा कर अपनी खेती बाड़ी को और भी व्यवसाय के रूप में उभार रहे हैं.
जहां पहले खेतों में धान और गेहूं की खेती सामान्य तरीकों से की जाती थी. वहीं अब हमारे अधिकतर किसान भाई नए तकनीक को अपनाकर तथा जैविक खाद का इस्तेमाल कर अपनी फसल में बढ़ोतरी कर रहे हैं. वह कई किसान आधुनिक तकनीक से सिर्फ धान गेहूं ही नहीं बल्कि कई दूसरे उपज के साथ अपने व्यवसाय में काफी बदलाव ला रहे हैं. इसी प्रकार भारत में अब कई किसान मोतियों की खेती कर रहे हैं. जिससे उनके व्यवसाय में दिन दुगना रात चौगुना तरक्की हो रहा है.
बिहार के बेगूसराय जिले के रहने वाले जय शंकर कुमार पढ़े लिखे और एजुकेटेड आदमी हैं. वह अपने मेहनत और लगन से आज लाखों रुपए महीने कमा रहे हैं. वह बताते हैं कि वह अपने जीवन में हर तरह के खेती-बाड़ी कर चुके हैं. चावल गेहूं के अलावा कई तरह के फल फ्रूट और सब्जियां तथा मोटी फसल का भी उपज कर चुके हैं. इन सबके अलावा जयशंकर कुमार ने मछली पालन से लेकर मुर्गी पालन तक के व्यवसाय करते हैं. फिलहाल वह इन दिनों मोती की खेती करके लाखों रुपयों का लाभ कमा रहे हैं.
जिस तालाब में वह मछली पालन करते हैं अब उसी तालाब में इन्होंने पर्ल की खेती (मोती की खेती) का काम भी शुरू कर दिया है. इनके कार्य के प्रति लगन और जज्बे को देखते हुए बिहार सरकार ने अनुदान के रूप में जयशंकर कुमार को 25 लाख रुपए दिए हैं. इन पैसों से उन्होंने अपने इन व्यवस्थाओं को और भी आगे बढ़ाने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं.
Discussion about this post