यूपीएससी की परीक्षा को देश ही नहीं बल्कि विदेशों की भी कुछ चुनिंदा परीक्षाओं की सूची में शामिल किया जाता है. इस परीक्षा में कहने को तो हर साल लाखों अभ्यर्थी हिस्सा लेते हैं, लेकिन बहुत कम लोगों को ही इस परीक्षा में सफलता नसीब होती है. इस आर्टिकल में हम आपको एक ऐसी लड़की से मिलवाने जा रहे हैं. जिसकी अंग्रेजी कमजोर थी और अंग्रेजी ना आने की वजह से उसे खूब मजाक झेलना पड़ता था. लेकिन अब वह हिंदी और अपने जोश और जज्बे की बदौलत ही आईएएस बनने तक का सफर तय कर चुकी है. जी हां, हम बात कर रहे हैं. आईएएस अधिकारी सुरभि गौतम के बारे में तो चलिए आपको भी इनके बारे में विस्तार से जानकारी देते हैं.
हिंदी मीडियम से हासिल की शिक्षा

अगर कोई सच्चे दिल से किसी चीज को पाने की चाहत रखता है, तो पूरी कायनात भी उसको पाने के लिए आपके और हमारे साथ मेहनत करने लगती है. सुरभि गौतम भी उन्हीं में से एक हैं. भले ही इन्हें अंग्रेजी ना आने की वजह से काफी प्रॉब्लम होती थी, लेकिन इन्होंने मेहनत के दम पर दिखा दिया है कि अगर आप जिंदगी में कुछ पूरी शिद्दत से करना चाहते हैं तो आप जरूर हासिल करते हैं. बता दें, सुरभि गौतम मध्य प्रदेश से संबंध रखती हैं और इनकी शुरुआती शिक्षा सतना में रहकर ही पूरी हुई थी. इनके पिताजी एक कोर्ट में वकील है तो वहीं इनकी मां बतौर टीचर काम करती है. वैसे तो सुरभि गौतम पढ़ने लिखने में हमेशा से ही टैलेंटेड रही थी लेकिन हिंदी मीडियम स्कूल में पढ़ने की वजह से इनकी इंग्लिश कमजोर थी. आपको जानकर दिलचस्प लगेगा सुरभि गौतम के दसवीं की परीक्षा में साइंस और मैथ विषय में 100 में से 100 अंक आए थे.
अंग्रेजी ना आने की वजह से हुई दिक्कत

सुरभि गौतम ने दसवीं की परीक्षा में टॉप करने के बाद 12 वीं की परीक्षा में भी सफलता का परचम लहराया था. 12वीं की परीक्षा में भी यह अपना नाम मेरिट लिस्ट में लिखवाने में कामयाब रही थी. जब इन्होंने इंजीनियरिंग करने के लिए स्नातक में एडमिशन लिया था उस दौरान इन्हें इंग्लिश की वजह से काफी हीन भावना का सामना करना पड़ा था. लेकिन सुरभि गौतम इन परिस्थितियों से हार मानने वाली नहीं थी. इन्होंने इंग्लिश सीखना शुरू किया और महज 10 से 15 दिनों में ही इनकी इंग्लिश ठीक-ठाक हो गई थी. बता दें, सुरभि गौतम को पहले ही सेमेस्टर में चांसलर के द्वारा अवार्ड भी दिया गया था.
अब हैं आईएएस ऑफिसर

सुरभि गौतम ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद कई परीक्षाओं में सफलता के झंडे गाड़े थे. जानकारी के मुताबिक इन्होंने इसरो, एमपीपीएससी, एसएससी जैसी परीक्षाओं में भी हाथ आजमाया था और इन्हें इनमें सफलता भी मिली थी. वहीं साल 2016 में इन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में बैठने का फैसला किया. इस परीक्षा को पास करके इन्होंने आईएएस बनने तक का सफर तय किया था. कहना गलत नहीं होगा अगर आप जिंदगी में कुछ करने की ठान लेते हैं तो आप की परिस्थितियां आपका हथियार बन जाती हैं.
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