आज के जमाने में अकेले जीवन व्यतीत करना बेहद मुश्किल हो गया है. केवल मानसिक रूप से ही नहीं बल्कि आर्थिक रूप से भी अकेले जीवन करना काफी कठिन है. ऐसे में आज हम आपको एक ऐसी समाज सेविका के बारे में बताने वाले हैं, जिन्होंने पिछले कई सालों से अकेले जिंदगी व्यतीत कर के अपने जीवन में कामयाबी हासिल की है. आज हम आपको जिससे समाज सेविका के बारे में बताने वाले हैं, उससे समाज सेविका का नाम डॉ उषा है. डॉक्टर उषा हमारे देश भारत के राज्य उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले की रहने वाली है.
डॉ उषा जौनपुर के एक प्राथमिक स्कूल में शिक्षिका है. तो वहीं उनके पति पूर्वांचल विश्वविद्यालय में कार्यरत थे. साल 2013 तक सब कुछ बिल्कुल ठीक चल रहा था. लेकिन साल 2013 में बीमारी की वजह से डॉ उषा के पति का देहांत हो गया. देहांत के बाद घर की सारी जिम्मेदारी डॉक्टर उषा के कंधे पर आ गई. डॉ उषा के बच्चों के बारे में बात करें तो उनकी तीन बेटियां और एक बेटा है. पति के देहांत के बाद उन्होंने अपने सभी बच्चों को खुद ही पाल पोस कर बड़ा किया.
डॉ उषा के तीनों बेटियों के बारे में बात करें तो, उनकी बड़ी बेटी शुभ्रा ने इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग की पढ़ाई पढ़ने के बाद एक बैंक में मैनेजर के पद पर कार्यरत है. तो वहीं उनकी दूसरी बेटी शिप्रा के बारे में बात करें, तो उनकी दूसरी बेटी भी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद सहायक अध्यापक के रूप में कार्य कर रही हैं. डॉ उषा की तीसरी और सबसे छोटी बेटी के बारे में बात करें, तो गुजरात विश्वविद्यालय से की पढ़ाई पूरी कर रही है.
आज के जमाने में अकेले चार बच्चों की परवरिश करना बेहद मुश्किल हो गया है. लेकिन इसके बावजूद भी डॉक्टर उषा ने हिम्मत नहीं हारी और कड़ी मेहनत करके अपने चारों बच्चों की जिंदगी सवार दी. यही कारण है कि वह इन दिनों में खबरों में बनी हुई है.
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