हमारे देश में ऐसा माना जाता है कि एक माँ केवल वह महिला नहीं होती है, जो अपने बच्चे को जन्म देती है. वह महिला को भी माँ का दर्जा मिलता है, जो उस बच्चे को पाल पोस कर बड़ा करती है. हमारे देश में कई बार ऐसा देखा जा चुका है कि, बच्चे के जन्म के कुछ सालों के बाद उनकी माँ की मृत्यु हो जाती है, या फिर पति और पत्नी में तलाक हो जाता है. जिसके बाद उस बच्चे की परवरिश करना काफी मुश्किल हो जाता है. यही कारण है कि इस तरह के बच्चों को अनाथालय में भेज दिया जाता है.
लेकिन आज हम आपको एक ऐसी महिला के बारे में बताने वाले हैं, जिन्होंने पिछले 15 सालों में लगभग 21 बच्चों की परवरिश की है. वैसे तो उन्होंने अपने कोख से एक बच्चे को भी जन्मदिन नहीं दिया है. लेकिन इसके बावजूद वह 21 बच्चों की माँ है. आज हम जिस महिला के बारे में बात कर रहे हैं, उस महिला का नाम अरुणा है. जो भारत के राज्य छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के ही रहने वाली हैं. पिछले 15 सालों से अनाथालय एवं अनाथ बच्चों की परवरिश कर रही है. दरअसल अरुणा का मानना है कि, अनाथालय में बच्चों की परवरिश सही से नहीं हो पाती है. इसलिए वह उन बच्चों को गोद लेकर अपने घर में पालती है.
अरुणा के निजी जिंदगी के बारे में बात करें तो उन्होंने अपने एक से एक बच्चे को जन्म दिया था. लेकिन जन्म के कुछ महीने के बाद ही उनका तलाक हो गया था, जिसके बाद उनका बच्चा भी चला गया. जिसके बाद उन्होंने पुलिस की नौकरी करके अपना जीवन व्यतीत करने के बारे में सोचा. लेकिन पुलिस की ड्यूटी उन्हें पसंद नहीं आई. जिसके बाद उन्होंने अपना पूरा जीवन समाज सेवा में व्यतीत करने का फैसला किया.
आपको बताते चलें कि फिलहाल अरुणा 9 बच्चों की परवरिश कर रही है. पिछले 15 सालों में उन्होंने 21 बच्चों की परवरिश करके उन्हें एक बेहतर जिंदगी दे चुकी हैं. अरुणा का मानना है कि यह काम करके उन्हें सुकून मिलता है. उनका खुद का कोई बच्चा नहीं है, इसलिए वह अनाथ बच्चों को अपना बच्चा मानकर उनकी परवरिश करती है.
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