बिहार की शिक्षा व्यवस्था हमेशा ही सवालों के घेरे में अपनी जगह बनाने में कामयाब हो जाती है. बिहार की शिक्षा व्यवस्था पर हमेशा ही सवालिया निशान उठते रहते हैं. अब हाल ही में बिहार के शिक्षा विभाग ने शिक्षकों की छुट्टी लेने पर कड़ी पाबंदी लगाने की बात कही है. पहले के समय में शिक्षकों को बुधवार और गुरुवार के दिन छुट्टी लेने की अनुमति थी, लेकिन अब उच्च शिक्षा विभाग ने इसमें बदलाव करते हुए इस नियम को बदलने की योजना तैयार कर ली है. दरअसल, बिहार के सरकारी स्कूलों के शिक्षक अब बुधवार और गुरुवार को छुट्टी नहीं ले सकेंगे. उनको इस दिन उपस्थिति दर्ज करानी होगी. पहले के समय इन 2 दिनों में शिक्षकों की काफी ज्यादा अनुपस्थिति होती थी.

इसी को लेकर जहानाबाद जिले के शिक्षा पदाधिकारी ने शिक्षकों की छुट्टियों को लेकर एक पत्र जारी किया. जिसमें उनके लिए जरूरी दिशा निर्देश जारी किए गए हैं. इस प्रमाण पत्र में छुट्टी लेने की बात से तो इनकार किया ही गया है. साथ ही यह भी लिख दिया गया है कि जो शिक्षक छुट्टी लेना चाहते हैं या विशेष परिस्थिति है. इसके लिए उन्हें बाकायदा एप्लीकेशन लिखना होगा और उसके बाद ही शिक्षकों को अवकाश मिल पाएगा. यहां तक कि बच्चों के भी उपस्थित रहने के ऊपर इस लेटर में कई सारी बातें कही गई हैं. बता दें, इस पत्र में यह भी कहा गया है. जो छात्र छात्रा एक बार स्कूल आने के बाद अटेंडेंस लगवा देते हैं.

इसके बाद कोचिंग इंस्टिट्यूट ज्वाइन कर लेते हैं. उनके लिए भी कहा गया है कि ऐसा छात्रा ना कर पाए. इसके लिए उन्हें 9 बजे तक ही आने की परमिशन है और उसके बाद उन्हें जाने की परमिशन नहीं है. अगर विशेष परिस्थिति बनती है तो एप्लीकेशन देने के बाद ही कोई छात्र स्कूल छोड़कर जा सकता है. देखना होगा बिहार के शिक्षकों के लिए लिया गया यह फैसला कितना कारगर साबित होता है. वैसे वर्तमान समय में तो बिहार की एजुकेशन व्यवस्था सवालों के घेरे में घिरी हुई है. पिछले दिनों ही बिहार शिक्षक प्रिंसिपल भर्ती हुई थी. जिसमें ज्यादातर शिक्षक फेल हुए थे. महज 3 फ़ीसदी शिक्षक ऐसे हैं. जो प्रिंसिपल बनने की काबिलियत रखते हैं.
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