हर व्यक्ति के सामने दो विकल्प होते हैं. जिनमें से पहला विकल्प किस्मत होता है. वहीं दूसरा रास्ता मेहनत करने होता है. कुछ लोग मेहनत के दम पर अपनी किस्मत बदल देते हैं तो कुछ लोग ऐसे भी होते हैं. जो किस्मत के सहारे बैठकर ही भविष्य में बुलंदियों को छूना चाहते हैं लेकिन यह सपना बहुत कम लोगों का ही पूरा हो पाता है लेकिन जो लोग मेहनत के दम पर बुलंदियां हासिल करना चाहते हैं. वह एक ना एक दिन सफलता के आयाम स्थापित कर ही देते हैं. जैसे कुम्हार समुदाय से आने वाले मनसुख प्रजापति ने किया है. कहने को तो मनसुख प्रजापति का जन्म एक कुम्हार के परिवार में हुआ और यह ने मिट्टी से बर्तन बनाने की कला बचपन से ही सिख गए थे, लेकिन उन्होंने इसी कला को बड़े बिजनेस में तब्दील कर दिया. इस आर्टिकल में हम आपको इनके जीवन से जुड़े कुछ अहम पहलुओं के बारे में बताने वाले हैं.
10 वीं फेल हैं मनसुख प्रजापति

मनसुख प्रजापति के बारे में कहना गलत नहीं होगा. इन्हें देश का मिट्टी पुत्र कहा जाता है. मिट्टी पुत्र इसलिए कह रहे हैं. पहले मिट्टी से सिर्फ और सिर्फ बर्तन बनाने की कला लोगों को आती थी. इन्हें भी पारिवारिक कला बर्तन बनाने की सिखाई गई थी, लेकिन उन्होंने इस मिट्टी के दम पर ऐसे ऐसे सामान बनाए हैं. जो वाकई साबित करते हैं मनसुख प्रजापति एक धरतीपुत्र हैं. अभी तक यह मिट्टी के फ्रिज से लेकर वाटर प्यूरीफायर जैसे प्रोडक्ट बना चुके हैं और इसी के दम पर इन्होंने करोड़ों का साम्राज्य खड़ा कर लिया है. पहले इन्होंने अपने घर के बड़े बुजुर्गों से पुश्तैनी काम को सीखा. लेकिन यह इस काम को करना नहीं चाहते थे क्योंकि इससे इन्हें कमाई नहीं होती थी. जिसकी वजह से यह पढ़ाई में ध्यान लगाते थे लेकिन इन्हें 10 वीं परीक्षा में निराशा हाथ लगी जिसके बाद उन्होंने इसी पुश्तैनी काम के दम पर खुद को देश में पॉपुलर करने की ठान ली.
मिट्टी से बनाए अनेकों तरह के प्रोड्क्ट

मनसुख प्रजापति ने कुछ सालों तक अपने पुश्तैनी काम को किया, लेकिन उन्होंने इस पुश्तैनी काम को दूसरे तरीके से करने की प्लानिंग कर ली. उन्होंने सबसे पहले मिट्टी से तवे बनाने वाली मशीन का आविष्कार किया. इनका यह अविष्कार काफी चर्चित रहा और उन्होंने इस दौरान चम्मच से लेकर तवे जैसे कई प्रोडक्ट बनाए थे. यहां तक कि इन्होंने एक ऐसी मशीन का भी आविष्कार किया था. जो पानी को फिल्टर करने में सक्षम थी. इसके अलावा उन्होंने साल 2011 में मिट्टी से फ्रीज बनाया था यह फ्रीज गरीबों के लिए बेहद मददगार साबित रहा था. इस फ्रिज में आसानी से चार-पांच दिन तक सब्जी या कोई दूसरे प्रोडक्ट रखे जा सकते हैं.
साल का 3 करोड़ है टर्नओवर

मनसुख प्रजापति वर्तमान समय में मिट्टी से बने उत्पादों के ऊपर ही निर्भर है और यह समय समय पर मिट्टी से बने नए नए अविष्कार करते रहते हैं. इनका टर्नओवर वर्तमान समय में 3 करोड़ के आस पास है. मनसुख प्रजापति कई लोगों को रोजगार भी प्राप्त करवा चुके हैं. यह अभी तक 250 से अधिक प्रोडक्ट का आविष्कार कर चुके हैं.
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