भारत की सबसे कठिन परीक्षा यूपीएससी की परीक्षा को मानी जाती है. यह बात हम सब जानते हैं कि यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल करना कितना कठिन होता है. यही नहीं बल्कि यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल करने के लिए छात्र कई सालों से लगातार मेहनत करते हैं. कई सालों की लगातार मेहनत के बाद छात्र इस परीक्षा में सफलता हासिल कर लेते हैं. लेकिन कई बार ऐसा देखा जा चुका है कि, यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल करने वाले छात्रों का जीवन काफी संघर्ष भरा होता है. आपको बता दें कि यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों का जीवन काफी कठिन होता है.
आज हम आपको ऐसे ही एक आईपीएस अधिकारी के बारे में बताने वाले हैं, जिन्होंने अपने जीवन में काफी संघर्ष देखे हैं. लेकिन इसके बावजूद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. आज हम आपको जिस आईपीएस अधिकारी के बारे में बताने वाले हैं, उनका नाम शालिनी अग्निहोत्री है. शालिनी अग्निहोत्री भारत के ठंडे प्रदेश यानी हिमाचल प्रदेश की रहने वाली हैं. शालिनी की निजी जिंदगी के बारे में बात करें तो ऐसा माना जाता है कि, बचपन में उनकी मां के साथ कुछ गलत हो गया था, जिसका इंसाफ उन्हें कभी नहीं मिला. तब से ही वह एक पुलिस अधिकारी बनने का सपना देख चुकी थी.
शालिनी अग्निहोत्री ने अपनी प्राथमिक शिक्षा हिमाचल प्रदेश में ही पूरी की. उन्होंने अपने मैट्रिक के परीक्षा में 90% लाया, तो वही इंटरमीडिएट की परीक्षा में भी 70% से सफलता हासिल की. लेकिन वह अपने जीवन में एक आईपीएस अधिकारी बनना चाहती थी. यही कारण है कि उन्होंने इंटरमीडिएट की परीक्षा पूरी करने के बाद ही भारत की सबसे कठिन परीक्षा यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी.
आपको बताते चलें कि साल 2012 में शालिनी अग्निहोत्री ने यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल कर लिया था. उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल करने के बाद आईपीएस अधिकारी का पद ग्रहण किया. शालिनी अग्निहोत्री के पिता एक बस एक कंडक्टर हैं. जब वह अपनी पढ़ाई करती थी, तब लोग उन्हें ताना दिया करते थे. लेकिन जैसे ही उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में कामयाबी हासिल की, ताने मारने वाले लोग अब ताली बजाते हैं.
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