आज हम आपको एक ऐसे नेत्रहीन युवा की कहानी बताएंगे। जो नेत्रहीन होने के बावजूद भी इन्होंने कड़ी मेहनत करके यूपीएससी की परीक्षा में सातवीं रैंक से टॉप किया है। कुछ लोग सक्षम होने के बावजूद भी अपने जीवन में परिश्रम करने से कतराते हैं, पर कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिनमें कमी होने के बावजूद भी, यह लोग अपने जीवन में परिश्रम करने से नहीं कतराते बल्कि यह लोग कुछ ऐसा कर जाते हैं जो औरों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन जाता है।
यह कहानी भी हम सब के लिए प्रेरणा का स्रोत बने उम्मीदवार नेत्रहीन सम्यंग की कहानी है। यूपीएससी परीक्षा को पास करने वाले हर एक उम्मीदवार की अपनी ही सफलता की एक अलग ही कहानी होती है। क्योंकि इस परीक्षा को पास कर जाना हर एक यूपीएससी उम्मीदवारों के लिए जीवन में किसी बड़े जंग को जीतने के बराबर ही होती है। यूपीएससी 2021 में 685 उम्मीदवारों ने अपनी सफलता का परचम लहराया है। परीक्षा में सफलता प्राप्त किए उम्मीदवारों की खुशी का ठिकाना नहीं है। पर इनमें से एक ऐसे उम्मीदवार भी हैं जिनकी कहानी सबसे अलग है क्योंकि यह उम्मीदवार दिव्यांग है वह नेत्रहीन है।
नेत्रहीन सम्यक जैन ने सिंगल डिजिट में पास किए यूपीएससी की परीक्षा
नेत्रहीन सम्यक जैन जी जब 20 साल के थे, तब से ही इनकी आंखों की रोशनी जाना शुरु हो गई थी। सम्यक जैन जी आंखों से कुछ भी नहीं देख पाते हैं, इसके बावजूद इन्होंने कड़ी परिश्रम करके यूपीएससी की परीक्षा में सातवें रैंक हासिल कर यह साबित कर दिया है कि जीवन में कोई भी काम नामुमकिन नहीं होती है। अगर आपका हौसला बुलंद हो तो आपकी कमी भी आपकी ताकत बन जाती है। सम्यक जैन जी की यह सफलता हर किसी के लिए खास व सराहनीय है। सम्यक जैन जी ने सिंगल डिजिट में इतनी अच्छी रैंक हासिल करके इन्होंने दिव्यांग उम्मीदवारों को गौरवान्वित किया है।
सम्यक जैन जी की शिक्षा पर प्रकाश डाला जाए तो इन्होंने इनकी प्रारंभिक शिक्षा मुंबई में होने के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय में s.o.l. से इंग्लिश ऑनर्स में स्नातक की डिग्री ली साथ ही इन्होंने इंस्टिट्यूट ऑफ़ मास कम्युनिकेशन से इंग्लिश जनरलिज्म से सर्टिफिकेट भी हासिल की इन्होंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से इंटरनेशनल रिलेशन से एम ए की डिग्री भी हासिल की है।
सम्यक ने 2020 में भी दी थी परीक्षा
संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा वर्ष 2020 में देने के बाद पहले ही अटेंप्ट में इनके हाथों असफलता लगी थी। इसके बावजूद सम्यक हार ना मानते हुए एक बार फिर परीक्षा के लिए जोड़ों की तैयारियों में जुट गए। और इन्होंने जोरदार तैयारी करने के बाद वर्ष 2021 की परीक्षा में सम्यक के हाथों ना सिर्फ सफलता हाथ आई बल्कि सम्यक यूपीएससी में सातवें रैंक लाकर टॉपर बन गए।
मां और दोस्तों ने की पढ़ाई में मदद, दोस्तों ने बनाया नोट्स
सम्यक बताते हैं कि उनका जीवन काफी मुश्किलों से भरा हुआ था यदि उनकी मां और दोस्त उनके आंख और हाथ नहीं बने होते, तो वह यह सफलता प्राप्त नहीं कर पाते। सम्यक अपनी कामयाबी का श्रेय अपनी मां व दोस्तों को देते हुए कहते हैं कि वह नेत्रहीन होने के कारण ना प्रश्न देख सकते थे ना लिख सकते थे, इसलिए मां ने प्रीलिम्स की परीक्षा में राइटर बनकर पेपर लिखा व मेंस में दोस्तों ने राइटर बन कर उनका पेपर लिखा। सम्यक बताते हैं कि उनके दोस्तों ने डिजिटल फॉर्मेट में भी उनके लिए किताबों का अरेंजमेंट किया था।
सम्यक अपने दोस्तों को अपनी कामयाबी का श्रेय देते हुए कहते हैं इनके जीवन में यह लोग फरिश्ते की तरह है। सम्यक अपनी कामयाबी का सारा श्रेय परिवार व विशेषकर अपनी कामयाबी का श्रेय अपनी मां को देते हुए कहते हैं कि, अगर वह उनका साथ नहीं देती तो वह शायद परीक्षा में कभी कामयाब नहीं हो पाते।
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