मानव शरीर का सभी अंग बेहद कोमल होता है. मानव शरीर के अंगों के बारे में बात करें तो सबसे महत्वपूर्ण अंग आंख को माना जाता है. आंख ही वह अंग होता है, जिसकी मदद से लोग पूरी दुनिया को देखते हैं. लेकिन आपके बारे में बात करें तो दुनिया में लगभग 80% लोगों को दृष्टि की समस्या है, जिसकी मदद से दुनिया भर में 80% लोग चश्मा का इस्तेमाल करते हैं. यही नहीं बल्कि दुनिया में कई लोग पूरी तरह से दृष्टिहीन भी होते हैं. ऐसे ही आज हम आपको एक दृष्टिहीन महिला की कामयाबी के बारे में बताएंगे, जिन्होंने 100% दृष्टिहीन होने के बावजूद अपने जीवन में वह मुकाम हासिल किया है, जो किसी के लिए भी सपना हो सकता है.
आज हम आपको जिस 100% दृष्टिहीन महिला के बारे में बताने वाले हैं, उसका नाम बेनो जेफीन है. बेनो जेफीन भारत का मशहूर शहर चेन्नई की रहने वाली हैं. आपको बता दें कि वह जन्म से ही दृष्टिहीन हैं, उन्हें कुछ भी नजर नहीं आता. हालांकि उनके माता-पिता ने कई डॉक्टरों को दिखाने की कोशिश की है, लेकिन डॉक्टरों को दिखाने के बाद भी यह नतीजा सामने आया कि वह अपने जीवन में कभी भी अपनी आंखों से कुछ नहीं देख पाएंगी. लेकिन इसके बावजूद भी बेनो जेफीन का सपना अपने देश भारत की सेवा करने का था.
हृदय के अंदर भारत की सेवा करने का जुनून ने बेनो जेफीन को यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी करने पर मजबूर कर दिया. वह भारत की सबसे कठिन परीक्षा यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी करने के लगीं थी. हालांकि बिना आंखों के इस परीक्षा की तैयारी करना आसान नहीं था. लेकिन इसके बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. आपको बता दें कि बेनो जेफीन ने ब्रेन लिपि का इस्तेमाल किया और इस परीक्षा की तैयारी जारी रखा. बेनो जेफीन के माता पिता ने यूपीएससी जैसे कठिन परीक्षा की तैयारी करने में अपनी बेटी की खूब की.
आपको बताते चलें कि, बेनो जेफीन के माता पिता अपनी बेटी को यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी करवाने के लिए पढ़ाई के नोट्स उन्हें सुनाया करते थे. कड़ी मेहनत करने का नतीजा यह निकला कि साल 2013 में ही बेनो जेफीन ने यूपीएससी जैसे कठिन परीक्षा में कामयाबी हासिल कर ली. लेकिन यूपीएससी की परीक्षा में कामयाबी हासिल करने के लगभग 2 सालों के बाद उन्हें IFS का पद मिला.
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