हमारे देश भारत में खेल का एक अलग जज्बा है हमारे देश में खेल के प्रति लोगों का उत्साह देखने लायक होता है. चाहे वह खेल क्रिकेट का हो या फिर कोई अन्य खेल, भारत के लोग खेल को काफी पसंद करते हैं. आपको बता दें कि भारत के लोग केवल खेल को पसंद ही नहीं करते बल्कि खेलों को बढ़ावा भी देते हैं. ऐसे ही आज हम आपको एक तलवार बाज खिलाड़ी भवानी देवी के बारे में बताएंगे. मालूम हो कि भवानी देवी इन दिनों खबरों में बनी हुई हैं. भवानी देवी के खबरों में बने रहने की वजह यह है कि, उन्होंने तीसरी बार गोल्ड जीत कर अपना नाम रोशन किया है.
भवानी देवी की निजी जिंदगी के बारे में बात करें तो भवानी देवी भारत के राज्य तमिलनाडु की रहने वाली है. उन्होंने राष्ट्रीय खेलों के फाइनल में पंजाब की रहने वाली जगमीत कौर को हराकर गोल्ड हासिल किया है. इसी के साथ उन्होंने तीसरी बार गोल्ड जीतकर ना केवल अपना बल्कि अपने राज्य तमिलनाडु का नाम रोशन किया. मालूम हो कि इससे पहले उन्होंने साल 2011 एवं साल 2015 में गोल्ड जीता था.
आपको बता दें कि आज भवानी देवी को पूरा देश जानता है. लेकिन यहां तक का सफर कर पाना भवानी देवी के लिए आसान नहीं था. मालूम हो कि उनके पिता एक मंदिर के पुजारी हैं, तो वहीं उनकी मां एक हाउसवाइफ हैं. उनके घर में शुरू में आर्थिक स्थिति काफी खराब थी. मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में भवानी देवी बताती है कि, शुरु शुरु में उनके घर में खाने के लिए पैसे नहीं होते थे. यही कारण है कि वह अच्छे से पढ़ाई पूरी नहीं कर सकी. लेकिन उन्होंने अपनी मुसीबतों का सामना डटकर किया और कभी हार नहीं माना.
अपने करियर के बारे में बात करते हुए भवानी देवी कहती हैं कि, उन्होंने शुरुआती दिनों में लकड़ी के तलवार से तलवारबाजी सीखी. उनके पास तलवारबाजी सीखने के लिए इतने पैसे नहीं थे कि वह असली तलवार खरीद सके. लेकिन लकड़ी की तलवार से ही उन्होंने इतनी अच्छी प्रैक्टिस कर ली कि, जब वह मैदान में उतरी तो सामने वाले को हरा दिया. आज भवानी देवी ने गोल्ड जीतकर ना केवल अपने परिवार का बल्कि पूरे देश का नाम रोशन किया है. ऐसा माना जा रहा है कि अब भवानी देवी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलेंगी.
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