विद्यार्थी के जीवन में सबसे बड़ा योगदान शिक्षक का होता है. शिक्षक अपनी मेहनत लगन और निस्वार्थ भावना से किसी भी विद्यार्थी को सफलता दिलाने में और एक अच्छा इंसान बनाने में एड़ी चोटी का जोर लगा देते हैं. और यह सभी वह निस्वार्थ और सच्चे मन के साथ करते हैं. विद्यार्थी के जीवन में शिक्षक एक महत्वपूर्ण इंसान होते हैं जो किसी भी विद्यार्थी को ज्ञान, धैर्य और प्यार के साथ एक मजबूत ढांचे के रूप में विकसित करते हैं. हर शिक्षक को अपने विद्यार्थी के बारे में यह मालूम होता है कि कौन से विद्यार्थी का मन पढ़ाई में कैसा लगता है. शिक्षक हमेशा अपने विद्यार्थियों को अनमोल शिक्षा देना चाहते हैं जो भविष्य में आगे चलकर कुछ अच्छा कर सकें.
एक शिक्षक द्वारा विद्यार्थी के ऊपर किया गया समर्थित कार्य की तुलना किसी दूसरे कार्य से नहीं किया जा सकता. वहीं विद्यार्थी का लगाओ एक शिक्षक के प्रति काफी खास होता है. शिक्षक और विद्यार्थी के बीच प्रेम का एक अटूट बंधन भी होता है. जो इस अनुभव को दोनों अपने जीवन में कभी भी भूलना नहीं चाहेंगे. इसी बीच टोंक में शिक्षक और विद्यार्थियों के बीच लगाव और प्रेम को देखकर आपकी भी आंखें नम हो जाएंगी. यह मामला टोंक के एक सरकारी स्कूल की है जहां शिक्षक और विद्यार्थियों के बीच एक अटूट प्रेम देखने को मिला है.
देवली ब्लॉक के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय चांदसिंह पुरा में एक शिक्षिका की ट्रांसफर पर विद्यालय के सभी विद्यार्थी फूट-फूटकर रो रहे थे. अपने शिक्षिका की विदाई पर पूरे स्कूल की आंखें नम थी. जब विद्यार्थियों को अपने फेवरेट शिक्षिका से बिछड़ने का वक्त आया तब उनकी गम में सभी विद्यार्थी फूट-फूट कर रोने लगे. बच्चों को भावुक होते देख टीचर भी अपने आप को रोक नहीं पाई. बच्चों के इस प्यार ने अध्यापिका को भी भावुक कर दिया. इस दौरान शिक्षिका भी अपने स्टूडेंट्स को गले लगा कर रोने लगी.
इस मंजर को देखने के लिए गांव के कुछ लोग भी इकट्ठा हो गए जहां इस दृश्य को देखकर सभी भावुक हो गए. इस लम्हे को जिसने भी देखा सभी की आंखों में आंसू आ गए. आपको बता दें कि शिक्षिका का नाम गरिमा कंवरिया. अब उनका ट्रांसफर बीकानेर हो गया है. पिछले 4 साल से इस विद्यालय में अपनी सेवा दे रही थीं. शिक्षिका ने विदाई के वक्त कहा की मैं इस स्कूल के बच्चों और शिक्षक साथियों को कभी नहीं भूल पाऊंगी.
Discussion about this post