छोटे बच्चों से हम क्या क्या उम्मीद कर सकते हैं. लोगों की तरह तरह की उम्मीदें होंगी लेकिन सामान्यतः एक बच्चे से उम्मीद की जाती है कि वह अच्छे से पढ़ाई करें और खेलकूद में अपना ध्यान लगाए. बड़ों का सम्मान करें लेकिन आज के इस पोस्ट में हम आपको एक ऐसे लड़के की कहानी बताने वाले हैं. जिसने यह सारे काम तो किए ही लेकिन जिस उम्र में बच्चे क्लास के मॉनिटर बनते हैं या खिलौनों के साथ खेलते हैं. वह उस उम्र में CEO बन गया था और खुद की वेबसाइट लांच कर दी. ना सिर्फ वेबसाइट लांच की बल्कि इसके जरिए हजारों लोगों को रोजगार भी दिया तो चलिए जानते हैं. इसी बच्चे के बारे में.
यह भी पढ़े-गांव की लड़की ने किया कारनामा अमेरिकन कंपनी में कर रही हैं जॉब, सालाना सैलरी 22 लाख
कौन है कोडिंग मास्टर अद्वैत रविंद्र ठाकुर
जिस बच्चे के बारे में हम आपसे बात कर रहे हैं. उनका नाम अब अद्वैत रविंद्र ठाकुर है. ये मुंबई में अपने परिवार के साथ रहते हैं. इनके पिता रविंद्र ठाकुर एक आईटी इंजीनियर थे तो जाहिर है. जब भी इनके पिताजी लैपटॉप पर कोडिंग का काम किया करते थे तो बेटे भी ध्यान से इस काम को देखा करते थे. यूं तो इनके पिताजी इन्हे खिलौने भी लाकर देते थे लेकिन बच्चे का मन जो ठहरा वह सिर्फ लैपटॉप की स्क्रीन पर ही डटता था और यही वजह रही कि इनके पिताजी ने इन्हें कंप्यूटर का बेसिक ज्ञान 6वी क्लास में ही दे दिया था और कुछ ही समय बाद जब बच्चा 9 साल का हुआ तो इसके हाथों में खिलौने नहीं बल्कि कीबोर्ड की उंगलियां थी और इसने सॉफ्टवेयर बनाना सीख लिया था. अब लड़के की प्रतिभा परवान चढ़ने लगी थी तो शुरुआत में इसने कोडिंग के जरिए दो वेबसाइट बनाई और दोनों ही वेबसाइट से इसको अच्छा खासा रिस्पांस मिला. इसके बाद तो उस लड़के ने कभी मुड़ कर नहीं देखा और खुद अपनी वेबसाइट लॉन्च करके CEO बन गया.
फिर शुरू हुआ संघर्ष भरा सफर
रविंद्र ठाकुर ने जब वेबसाइट लांच की थी. उस समय उनकी उम्र महज 12 वर्ष थी और इन पर खूब सारे सवाल खड़े किए जाते थे लोग अनुमान लगाते थे कि आखिर मार्केटिंग के क्षेत्र में यह लड़का कहां तक पहुंच सकता है और तरह-तरह की बातें इनके बारे में चलती थी लेकिन इन पर इन बातों का कोई असर नहीं हुआ और देखते ही देखते इनके द्वारा शुरू की गई कंपनी लोगों की पसंदीदा कंपनी बनने लगी. बस फिर क्या था. उनका सफर दौड़ने लगा और उन्होंने भी अपने सफर को थमने नहीं दिया. आगे इन्होंने सफर को रफ्तार देने के लिए गूगल की तरफ अपना रुख मोड़ लिया और गूगल के साथ मिलकर कई लोगों को रोजगार दिया.
संजोए हैं बड़े-बड़े सपने
अद्वैत बताते हैं कि उन्होंने यह प्रेरणा मार्क जकरबर्ग से ली है और वह टेक्नोलॉजी क्विज के नाम से एक ऐप भी बना चुके हैं. जिसका मकसद बच्चों को साइंस और टेक्नोलॉजी के बारे में जानकारी देना है. आज के इस दौर में भी बहुत सारे ऐसे बच्चे हैं. जो टेक्नोलॉजी और साइंस से कोसों दूर है. मैं चाहता हूं किसी तरह से और बच्चों को इस इन चीजों के बारे में जानकारी दे दी जाए. इसके अलावा यह कहते हैं कि वह अपनी लाइफ के दौरान बहुत कुछ करना चाहते हैं और मार्केटिंग के क्षेत्र में अपना जबरदस्त दबदबा कायम करना चाहते हैं. बता दें, साल 2018 में अद्वैत ठाकुर को टॉप 10 Entrepreneur इन इंडिया का अवॉर्ड भी मिला था.
यह भी पढ़े-3000 करोड़ के संपत्ति के मालिक हैं अमिताभ बच्चन, लेकिन आज भी इनका छोटा भाई जी रहा है गरीबी में
Discussion about this post