हमारे देश भारत में दिव्यांगों के लिए कई तरह के योजनाएं एवं स्कीम बनी हुई है. लेकिन दिव्यांग एवं जरूरतमंद लोगों तक वह योजनाएं एवं उस इस स्कीम का लाभ नहीं पहुंच पाता है. यही कारण है कि हमारे देश के दिव्यांग एवं गरीब लोग अपने हक के लिए आवाज नहीं उठा पाते हैं लेकिन इन सब समस्याओं को दूर करने के लिए एक व्यक्ति ने पूरी कोशिश की. यही नहीं बल्कि उन्होंने एक ऐसा रास्ता चुना जिससे लाखों गरीब लोगों एवं दिव्यांग लोगों की मदद हुई. आज हम आपको जिस व्यक्ति के बारे में बताने वाले हैं, उस व्यक्ति का नाम अनिकेत है, जिन्होंने हकदर्शक स्टार्टअप शुरू किया था.
पहाड़ों के बीच बसा राज्य उत्तराखंड के शिमला शहर के रहने वाले अनिकेत शुरू से ही समाज सेवक का काम करते थे. उन्हें लोगों का भला करना बेहद अच्छा लगता था. यही नहीं बल्कि वह जब अपनी पढ़ाई पूरी कर रहे थे, उस समय भी उन्होंने हजारों लोगों की मदद की. जिसके बाद उन्होंने अपना करियर भी इसी क्षेत्र में चुनाव आज से 6 साल पहले यानी साल 2016 और 17 के बीच उन्होंने एक स्टार्टअप शुरू किया. स्टार्टअप का नाम उन्होंने हकदर्शक रखा. दरअसल यह एक ऐसा स्टार्टअप था, जिसमें वह लोगों को नई नई स्कीम एवं योजनाओं के बारे में बताते थे.
आपको जानकर हैरानी होगी कि इस स्टार्टअप को लगभग 6 साल पूरे हो चुके हैं और इससे कार्यकाल में उन्होंने 12 करोड़ का टर्नओवर पूरा किया है. इसके अलावा उन्होंने लगभग 3,00,000 जरूरतमंद लोगों तक सरकार की योजनाएं पहुंचाई है. यह बात हम सब जानते हैं कि, हमारे देश में कई तरह की योजना में सरकार द्वारा लागू कर दी जाती है. लेकिन जानकारी के अभाव में जरूरतमंद लोगों तक अपनी योजनाओं का लाभ नहीं पहुंच पाता है. यही कारण है कि शिमला के रहने वाले अनिकेत ने इस स्टार्टअप को शुरू किया. जिसकी मदद से जरूरतमंदों को नई नई योजनाओं के बारे में पता चल जाता है.
आप तो बताते चले कि कोरोना काल में भी अंकित द्वारा शुरू किया गया हकदर्शक स्टार्टअप बेहद लाभदायक साबित हुआ. कोरोना काल में इस स्टार्टअप की मदद से लाखों लोगों तक योजनाएं एवं मुफ्त में राशन पहुंच पाई. जिसके बाद सरकार ने भी अनिकेत को यह स्टार्टअप शुरू करने के लिए धन्यवाद दिया.
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