भारत में कई तरह का परीक्षा होता है लेकिन उन सभी परीक्षाओं में सबसे कठिन परीक्षा यूपी का माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि, अगर कोई व्यक्ति यूपीएससी की परीक्षा पास कर लेता है, तो यह अपने आप में बहुत बड़ी बात होती है. यही नहीं बल्कि यूपीएससी की परीक्षा में सफल होने वाले छात्र ना केवल अपने गांव बल्कि पूरे देश का नाम रोशन करते हैं. कुछ दिनों पहले ही साल 2021 में हुए यूपीएससी की परीक्षा का रिजल्ट सामने आया है. जिसमें कई छात्रों ने सफलता हासिल की है सफल छात्रों की निजी जिंदगी की कहानी भी अब देखने को मिल रही है. ऐसी ही एक कहानी आज हम आपको बताने वाले हैं.
बीटेक के बाद आया जिंदगी में ट्विस्ट
आज हम जिस सफल छात्र की बात करने वाले हैं, उसका नाम सिमी करण है. आपको बता दें कि सिमी शुरू से ही पढ़ने में काफी अच्छी थी. उन्होंने अपनी पढ़ाई आईआईटी मुंबई से पूरी की. आपको बता दें कि वह भारत के राज्य उड़ीसा की रहने वाली हैं, लेकिन उन्होंने अपने शुरुआती शिक्षा छत्तीसगढ़ के भिलाई शहर से पूरी की. मालूम हो कि सिमी के पिता छत्तीसगढ़ के भिलाई शहर में एक स्टील कंपनी में काम करते थे. उन्होंने इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई भिलाई में ही पूरी की, लेकिन उसके बाद वह इंजीनियर बनना चाहती थी. इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के लिए उन्होंने आईआईटी बॉम्बे में एडमिशन लिया.
इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान सिमी गांव गांव जाकर बच्चों को पढ़ाया भी करती थी. यह उनका अपना निजी काम था जिसमें वह गरीब बच्चों को पढ़ाया करती थी. इसी दौरान उनका हृदय परिवर्तन हो गया और वह उन गरीब बच्चों के लिए कुछ करना चाहती थी. गरीब बच्चों के लिए कुछ करने के लिए उन्होंने सिविल सर्विस का रास्ता चुना. वह बीटेक की पढ़ाई करने के बाद सिविल सर्विस की परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी. साल 2019 में सिमी ने सिविल सर्विस की परीक्षा पास करके आईएएस ऑफिसर बन गई.
आईएएस ऑफिसर बनने के बाद उन्होंने कई गरीब जरूरतमंद बच्चों के लिए काफी कुछ किया है. खबरों की मानें तो सिमी गांव में रहने वाले गरीब बच्चों एवं गरीब परिवारों पर खास ध्यान देती हैं. यही नहीं बल्कि उन्होंने एक इंटरव्यू में यह भी कहा था कि, वह आईएस ऑफिसर इसलिए बनी है क्योंकि वह गरीब बच्चों एवं गरीब परिवार वालों की मदद करना चाहती हैं. यही नहीं बल्कि वह शिक्षा के क्षेत्र में भी कुछ करना चाहती है.
Discussion about this post