भारत में एक समय ऐसा था जब सिविल सर्विस की नौकरी काफी कम लोग ही पसंद करते थे. लेकिन आज युवाओं में सिविल सर्विस की परीक्षा को पास करने का सपना लगातार बढ़ता जा रहा है. हर साल कई लाख युवा सिविल सर्विस की परीक्षा देते हैं और इस संख्या में हर साल बढ़ोतरी होती है. सिविल सर्विस की परीक्षा यूपीएससी को भारत का सबसे कठिन परीक्षा माना जाता है. आपको बता दें कि इस परीक्षा को पास करने के बाद एक छात्र ना केवल अपना, बल्कि अपने परिवार वालों का भी नाम रोशन करते हैं.
आज हम आपको यूपीएससी की परीक्षा में सफल होने वाली छात्रा मधुमिता विश्वकर्मा के बारे में बताएंगे, जिन्होंने इस परीक्षा को पास करने के लिए कई कठिनाइयों का सामना किया है. आईएएस अधिकारी मधुमिता विश्वकर्मा की निजी जिंदगी के बारे में बात करें, तो वह भारत के राज्य हरियाणा के पानीपत शहर की रहने वाली हैं. मधुमिता के पिता का सपना अपनी बेटी को आईएएस अधिकारी देखने का था.
अपने पिता के सपने को पूरा करने के लिए मधुमिता विश्वकर्मा ने कई तरह की कठिनाइयों का मुकाबला किया. यही नहीं बल्कि उन्होंने यूपीएससी जैसे कठिन परीक्षा में सफलता हासिल करने के लिए अपने घर से पूरे 5 साल तक दूरी बना ली थी. मालूम हो कि सिविल सर्विस की परीक्षा की तैयारी करने के लिए मधुमिता पानीपत को छोड़कर दिल्ली में रह रही थी. दिल्ली में ही वह यूपीएससी जैसे कठिन परीक्षा की तैयारी कर रही थी. लेकिन 5 सालों तक वह दिल्ली में ही रही इस बीच वह अपने गांव में नहीं गई.
5 सालों के कड़ी मेहनत के बाद साल 2019 में मधुमिता विश्वकर्मा ने यूपीएससी जैसे कठिन परीक्षा में सफलता हासिल करके अपने गांव पहुंची. आपको बता दें कि, इससे पहले उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा दो बार और दी थी. लेकिन उन दोनों परीक्षाओं में इनके हाथ असफलता लगी. लेकिन तीसरे प्रयास में मधुमिता ने इतिहास रच दिया. जब आईएएस अधिकारी बनने के बाद वह वापस अपने गांव लौटीं, तो गांव वालों ने उनका स्वागत भव्य तरीके से किया.
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