बुरा वक्त हर किसी के जीवन में आता है, लेकिन बुरे वक्त से किसी भी व्यक्ति को घबराना नहीं चाहिए, क्योंकि बुरे वक्त जब आता है, तो उसके बाद अच्छे वक्त भी जरूर आता है. ऐसा ही कुछ गुजरात के रहने वाले अल्पेश राठौड़ के जीवन में हुआ. वह एक समय तक अपने पिता के साथ गोलगप्पा बेचा करते थे. लेकिन उन्होंने कड़ी मेहनत करके अपने बुरे वक्त को हरा दिया. पानीपुरी बेचने के साथ साथ अल्पेश राठौड़ नीट की परीक्षा की तैयारी भी किया करते थे. जिसके बाद उनकी मेहनत रंग लाई और उन्होंने नीट की परीक्षा को पास कर लिया.
धोते थे ग्राहकों के जूठे बर्तन
आपको बता दें कि कोई भी काम छोटा नहीं होता, लोग काम इसलिए करते हैं ताकि वह अपने पेट को भर सके. इस दुनिया में कई तरह के काम किए जाते हैं, लेकिन ऐसा माना जाता है कि, कुछ काम काफी छोटे होते हैं. लेकिन काम कोई भी छोटा नहीं होता. अल्पेश के पिता पानीपूरी का ठेला लगाते हैं. यही कारण है कि अल्पेश भी अपने पिता का हाथ बताने के लिए कभी-कभी पानीपुरी के ठेले पर पानी पूरी बेचा करते थे. यही नहीं बल्कि वह ग्राहकों के जूठे बर्तन भी धोया करते थे.
अल्पेश अपने खाली समय में पिता का साथ देते थे वह सुबह 4:00 बजे उठकर सबसे पहले अपने पिता के साथ मिलकर पानीपूरी का मसाला तैयार करते और उसके बाद स्कूल जाते. स्कूल से आने के बाद वह शाम में अपने पिता के साथ पानी पूरी बेचा करते थे, तो वहीं रात में पढ़ाई किया करते थे. पिता को उनके काम में हाथ बताने के बाद भी अल्पेश को पढ़ने के लिए काफी समय मिल जाता था. इसी समय में नीट जैसी कठिन परीक्षा की तैयारी करते थे.
आपको बताते चलें की दसवीं की परीक्षा में अल्पेश के 93% अंक आए थे. इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि अल्पेश पढ़ने में कितने अच्छे हैं. अल्पेश भारत के राज्य गुजरात से ताल्लुक रखते हैं. उन्होंने साल 2022 की नीट की परीक्षा पास कर ली है. जैसे ही साल 2022 की नीट की परीक्षा के परिणाम सामने आए, अल्पेश की किस्मत बदल गई. जैसे ही अल्पेश को पता चला कि वह इस परीक्षा में पास हो गए हैं, वह खुशी से झूमने लगे. मालूम हो कि नीट के परीक्षा में 700 अंक में से अल्पेश के 613 अंक आए हैं.
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