भारत में पलने वाले जानवर गाय सिर्फ एक जानवर ही नहीं बल्कि हिंदू रीति रिवाज और धर्म के मुताबिक गाय को मां और देवी का दर्जा प्राप्त है. गाय को पूजा पाठ में विशेष दर्जा दिया जाता है. भारत में चाहे धर्म हो या राजनीति हो गाय को हर जगह महत्व दी जाती है. आज हम राजस्थान के एक ऐसे परिवार से आपको रूबरू कराने वाले हैं जहां गायों को जानवर नहीं बल्कि परिवार का एक सदस्य मानकर उसे वह सारी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है जिसे वह खुद के लिए इस्तेमाल करते हैं. गायों को अपने साथ बेड पर जगह दी जाती है.
शायद आप इससे पहले कभी भी गायों को इतनी लग्जरी जीवन गुजारते हुए नहीं देखा होगा. आज हम आपको दिखाने जा रहे हैं लग्जरी जीवन गुजारने वाले गायों के बारे में. जहां एक गाय भी चादर ओढ़ कर बेड पर सोती है. जोधपुर के संजू कंवर का यह परिवार अपने इस काम के लिए हमेशा चर्चा में रहते हैं. इस परिवार में गायों को बेडरूम में खेलने से लेकर वहां सोने तक के पूरी आजादी है. आजादी ही नहीं बल्कि इन गायों के लिए हर लग्जरी सुख सुविधाएं भी प्राप्त है.
परिवार के एक सदस्य अनंत सिंह ने बताया कि उनकी मां को शुरू से ही गाय के प्रति गहरा प्रेम और लगाव है. जब पहली बार बछड़े ने उनके घर में घूमने फिरने लगा तभी से परिवार के सभी सदस्यों ने यह फैसला किया कि यह भी हमारे साथ सदस्य बन कर कहीं भी और किसी भी रूम में रह सकेंगे. और आजादी से बिस्तर पर ऊपर सो सकेंगे. और इसके साथ यह भी फैसला हुआ कि यह सभी गायें बाहर नहीं बल्कि हमारे साथ ही घर के अंदर रहेंगे. इसके बाद सभी गए घर के अंदर आजादी के साथ घूमने लगे और परिवार वालों से घुल मिल गया.
अनंत सिंह ने बताया कि शुरुआत में इस तरह का कदम हमारे लिए परेशानियों का कारण बना था. लेकिन धीरे-धीरे गायों को ट्रेनिंग के द्वारा इसे वह सब कुछ सिखा दिया गया जिससे वह भी हमारे साथ रह सके. सबसे बड़ी परेशानी थी गाय का गोबर और मूत्र का जो बिस्तर पर ही कर देती थी. लेकिन धीरे-धीरे गाय को बाहर ले जाकर एक जगह बांध दिया जाता था, जिससे वह धीरे-धीरे यह समझ गई कि मुझे मूत्र और गोबर यहीं गिराना है. अब जब भी गायों को बाहर उस जगह पर ले जाया जाता है तब वह गोबर और अपना मूत्र गिरा देती है.
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