Best Business Idea: हमारे यहां तुलसी के पौधे (Basil Plant)का इस्तेमाल हजारों सालों से कई तरह की छोटी बढ़ी बीमारियों के इलाज में होता आया है। विज्ञान भी ये सिद्ध कर चुका है, कि तुलसी एक औषधीय गुणों से भरपूर पौधा है, जो भारत के हर घर आंगन में पाया जाता है। महिलाएं हर रोज इसकी पूजा भी करती है। पर क्या अपने सोचा है, बीमारियों को दूर करने के साथ ही तुलसी का पौधा आपको माला माल भी कर सकता है। तुलसी के पौधे की खेती करके आप एक मोटी कमाई कर सकते है। क्योंकि तुलसी के पौधे का उपयोग दवाइयों से लेकर कॉस्मेटिक्स प्रोडक्ट्स बनाने में किया जाता है। शायद आपको यकीन न ही पर उज्जैन के एक किसान ने 10 बीघा जमीन में 10 किलो तुलसी के बीज की बुवाई की थी। जिसमें उसको केवल 15 हजार रुपए की लागत आई थी। पर उसे 3 लाख रुपए तक का मुनाफा हुआ था। तुलसी की फसल बस 3 महीने में ही तैयार हो जाती हैं।
खेती कैसे करे ?
तुलसी के पौधे (Basil Plant) जुलाई महीने में लगाए जाते है। सामान्य पौधो को 45x 45 सेंटीमीटर की दूरी तथा RRLOC 12 और RRLOC 14 किस्म के पौधो को 50 x 50 सेंटीमीटर की दूरी पर लगाना चाहिए। पौधों लगाने के बाद हल्की सिंचाई जरूरी है। समय समय पर पानी देते रहना चाहिए। कटाई से 10 दिन पहले सिंचाई बंद कर देना चाहिए।
कटाई कब होती है ?
जब तुलसी के पौधे (Basil Plant) पर फूल आना शुरू हो जाएं तो कटाई शुरू कर देनी चाहिए। जल्दी नई फसल आने के लिए कटाई 15 से 20 मीटर ऊंचाई से करनी चाहिए।
कितनी आती है, लागत ?
1 बीघा जमीन पर खेती के लिए 1 किलो बीज की आवश्यकता होगी। एक kg बीज की कीमत तक़रीबन 15 सौ रुपए होगी। 3 से 5 हजार की खाद लग जाती है। सिंचाई का बेहतर इंतजाम करना होता है। एक सीजन में 2 क्विंटल तक तुलसी की पैदावार होती है। बाजार में तुलसी (Basil Plant) 30 से 40 हजार रुपए प्रति क्विंटल तक बिक जाती है।
उपयुक्त जलवायु और मिट्टी
तुलसी (Basil Plant) की खेती में गर्म जलवायु की ज़रूरत आवश्यकता होती है। वैसे तो तुलसी की खेती सामान्य मिट्टी में भी कर सकते हैं, लेकिन इसकी खेती भुरभुरी, समतल बलुई दोमट, क्षारीय और कम लवणीय मिट्टी में अच्छी पैदावार होती है।
पौधा कब लगाएं ?
तुलसी (Basil Plant) की नर्सरी फरवरी महीने के आखिरी सप्ताह में तैयार करनी चाहिए। पौधों की रोपाई अप्रैल के मध्य से शुरू कर सकते हैं। तुलसी को बरसात की फसल भी कहते है। गेहूं काटने के बाद तुलसी उगाई जाती है।
खेत की तैयारी
अच्छी उपज (Basil Plant) के लिए खेत में गहरी जुताई वाले यंत्रों से 1 या 2 गहरी जुताई कर ले। इसके बाद खेत को पाटा लगाकर समतल बना लें, फिर सही आकार की क्यारियां भी बना लें। खेत में सिंचाई और जल निकास की सही व्यवस्था होनी चाहिए।
पौधों की नर्सरी और रोपाई
अगर एक हेक्टेयर में तुलसी (Basil Plant) की खेती कर रहे हैं, तो लगभग 200 से 300 ग्राम बीजों से पौधे तैयार कर ले। बीजों को मिट्टी के लगभग 2 सेंटीमीटर नीचे बोना चाहिए। बीज 8 से 12 दिनों में उग आते हैं। पौधे रोपाई के लिए 6 हफ्तों में तैयार हो जाते हैं। अच्छी और अधिक उपज के लिए पौधों के बीच 20 से 25 सेंटीमीटर की दूरी होनी चाहिए।
खाद और उर्वरक
तुलसी के पौधे (Basil Plant) का इस्तेमाल अधिकतर औषधी में किया जाता है।, इसलिए ज्यादा रासायनिक उर्वरकों का उपयोग नहीं होना चाहिए।
सिंचाई
सबसे पहली सिंचाई रोपाई के तुरंत बाद की जाती है। इसके बाद मिट्टी की जांचने के बाद सिंचाई करें। गर्मियों के मौसम में हर महीने में 3 बार सिंचाई तो करनी ही चाहिए। बारिश के मौसम है, तो सिंचाई की ज़रूरत नहीं होती।
कटाई
तुलसी के पौधों (Basil Plant) की रोपाई के 3 महीने बाद इसकी कटाई की जाती है। पौधों में पूरी तरह फूल आने के बाद ही कटाई करे। अगर तुलसी के पौधों से तेल निकालना है, तो पौधे के 25 से 30 सेंटीमीटर ऊपरी शाखीय भाग की कटाई करें। फिर पत्तियों को छायादार स्थान पर लगभग 8 से 10 दिनों तक सुखाएं।
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पैदावार
तुलसी (Basil Plant) की सबसे खास बात यह है कि तुलसी को कम सिंचाई की ज़रूरत होती है। तुलसी रोगों व कीटों से प्रभावित भी बहुत कम होती है। किसान भाई अगर आधुनिक तरीके से तुलसी की खेती करते है, तो वे भरपूर मुनाफ़ा कमा सकते है। तुलसी की फसल लगभग 5 टन प्रति हेक्टेयर साल में 2 से 3 बार की जा सकती है।
तुलसी की फसल को मार्केट में कैसे बेचें
अगर आप तुलसी (Basil Plant) की खेती करना चाहते है, तो पतंजलि और अन्य आयुर्वेदिक संस्थानों से जुड़कर लाभ कमा सकते है। या फिर कॉन्ट्रेक्ट फॉर्मिंग भी कर सकते हैं। आप चाहे तो तुलसी की फसल को आप डाइरैक्ट मार्केट में बेच सकते है। या फिर आप सीधे किसी कंपनी के लिए भी फ़ार्मिंग कर सकते और उन्हे अपना माल सप्लाइ कर सकते है,जिससे कंपनी आपके पास आकर खुद आपकी फसल खरीद लेती है।