भारत एक ऐसा देश है जहां टैलेंट की कोई कमी नहीं है. भारत में एक से बढ़कर एक टैलेंट देखने को मिलते रहते हैं. केवल टैलेंट में ही नहीं बल्कि टेक्नोलॉजी के मामले में भी भारत कई देशों से आगे हैं. आपको बता दें कि कुछ समय पहले भारत में प्लास्टिक से बने थैलों का बहिष्कार हो रहा था. ऐसा माना जा रहा था कि, प्लास्टिक के थैले पर्यावरण के लिए अच्छे नहीं है. यही नहीं बल्कि प्लास्टिक पर सरकार ने कई मर्तबा बैन भी लगाया है. लेकिन इसके बावजूद भी लोग प्लास्टिक का उपयोग करते हैं. कई बार सरकार द्वारा प्लास्टिक को बैन करने के बाद भी प्लास्टिक का उपयोग होता रहा है.
निरंतर प्लास्टिक का उपयोग होने के पीछे का सबसे बड़ा कारण यह है कि, अगर प्लास्टिक को पूरी तरह से बहिष्कार कर दिया जाता है, तो इसके बाद लोगों के पास कोई दूसरा विकल्प नहीं बचता है. लोग प्लास्टिक का बहिष्कार तो कर देते हैं. लेकिन प्लास्टिक के जगह पर वह किस चीज का उपयोग करें, यह बात समझ नहीं आती. ऐसे में बिहार के 1 युवाओं ने कुछ नया अविष्कार कर दिया है, जो इन दिनों खबरों में बना हुआ है.
बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के रहने वाले मोहम्मद नाज ने एक ऐसी चीज का आविष्कार किया है, जो पर्यावरण के लिए काफी अच्छा साबित होता है. मोहम्मद ने मक्के के छिलके से कई तरह की चीजें बनाने का अविष्कार किया है. उन्होंने मक्के के छिलके से कप और प्लेट बनाएं. यही नहीं बल्कि उन्होंने मक्की के छिलके से थैला भी बनाया.
मीडिया से बात करते हुए मोहम्मद कहते हैं कि, वह शुरू से ही पर्यावरण की देखभाल करना चाहते थे. यही कारण है कि, उन्होंने प्लास्टिक की जगह पर मक्की के छिलके का उपयोग करना बेहतर समझा. वह बताते हैं कि मक्के के छिलके से थैला, प्लेट और कप बनाने में उन्हें केवल 50 पैसे का लागत पड़ता है. शुरु-शुरु वह अपने उपयोग के लिए यह बनाते थे. लेकिन धीरे-धीरे उनके द्वारा बनाए गए प्रोडक्ट मार्केट में भी आने लगी. मार्केट में उनके प्रोडक्ट आने की वजह से उनकी दवाई भी शुरू हो गई है.
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