स्कॉलरशिप हमारे देश की एक ऐसी स्कीम है, जिसकी वजह से कई गरीब छात्र अपनी पढ़ाई पूरी कर पाते हैं. स्कॉलरशिप मिलने की वजह से कई लोग अपनी आगे की पढ़ाई भी जारी रख पाते हैं. लेकिन स्कॉलरशिप आना आज के जमाने में आसान काम नहीं है. स्कॉलरशिप को हासिल करने के लिए कई दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ते हैं. उसके बाद जाकर एक छात्र के हाथ स्कॉलरशिप की राशि लग जाती है. यही कारण है कि कई छात्र स्कॉलरशिप लेने के बारे में नहीं सोचते और अपनी पढ़ाई अधूरी छोड़ देते हैं. लेकिन आज हम आपको साउथ इंडिया के एक ऐसे रिटायर शिक्षक के बारे में बताएंगे जिन्होंने, लाखों छात्रों को स्कॉलरशिप दिलवाई है.
आपको बता दें कि स्कॉलरशिप के झमेले में हर कोई नहीं रहना चाहता. क्योंकि स्कॉलरशिप दिलवाना या फिर स्कॉलरशिप पाना काफी लंबा प्रोसेस होता है. लेकिन कर्नाटका के रहने वाले नारायण नाइक एक ऐसा नाम है, जो साउथ इंडिया में काफी मशहूर हैं. आपको बता दें कि नारायण नायक को लोग “स्कॉलरशिप मास्टर” के नाम से भी जानते हैं. इस नाम के पीछे की सबसे बड़ी वजह यह है कि, नारायण अपने जीवन में लाखों लोगों को स्कॉलरशिप दिलवा चुके हैं.
38 साल के लंबे कार्यकाल के बाद साल 2021 में नारायण रिटायर हो गए थे. रिटायर होने के बाद उन्हें प्रतिमाह ₹40000 की पेंशन राशि मिलती है. लेकिन वह इन पैसों का आधा छात्रों के लिए है खत्म कर देते हैं. दरअसल गिटार होने के बाद भी नारायण घर से सुबह 8:00 बजे निकलते हैं और शाम को लगभग 6:00 बजे वह अपने घर पहुंचते हैं. वह पूरे दिन कई स्कूल एवं दफ्तरों के चक्कर काटते हैं. वह पूरे दिन में कई स्कूल जाकर जरूरतमंद छात्रों को ढूंढते हैं और उन छात्रों को ढूंढने के बाद वह उन्हें स्कॉलरशिप दिलाने में जुट जाते हैं.
आपको बताते चलें कि अपने इस काम के बारे में बात करते हुए नारायण नायक कहते हैं कि, “मैं यह तब से कर रहा हूँ जब मैं एक स्कूल शिक्षक के रूप में काम कर रहा था. मुझे खुशी है कि रिटायरमेंट के बाद मुझे इसमें शामिल होने के लिए और भी ज़्यादा समय मिला है. अब मैं स्कॉलरशिप के लिए उनका रिसोर्स पर्सन बनकर छात्रों की पूरी तरह मदद कर रहा हूं”.
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